पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा जनवरी के पहले हफ्ते में संभव, चुनाव आयोग ने तेज की तैयारी

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पांच जनवरी के बाद कभी भी उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा हो सकती है। चुनाव आयोग ने तैयारी तेज कर दी है। अगले हफ्ते से चुनाव आयोग का इन राज्यों में दौरा शुरू हो जाएगा। घोषणा से पहले आयोग सुरक्षा व्यवस्था सहित जरूरी तैयारियों की समीक्षा करेगा। वर्ष 2017 में भी इन राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा छह जनवरी को हुई थी। इस बार 11 या 12 जनवरी को घोषणा होने की अटकल है। मार्च-अप्रैल में सीबीएसई सहित राज्यों के शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की प्रस्तावित परीक्षाओं को देखते हुए आयोग इन चुनावों को मार्च के पहले हफ्ते में ही संपन्न कराने की तैयारी में है।

वर्ष 2017 में इन राज्यों में चुनाव आठ मार्च को खत्म हो गए थे। वहीं वोटों की गिनती 11 मार्च को हुई थी। फिलहाल जो संकेत मिल रहे है, उनमें चुनाव की अवधि पिछले सालों की तुलना में छोटी रहेगी। 2017 में इन राज्यों में चुनाव आचार संहिता की अवधि कुल 64 दिनों की थी। आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सभी पांचों चुनावी राज्यों को अंतिम वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के निर्देश भी दिए गए है। इसके तहत पांच जनवरी तक सभी राज्यों में अंतिम वोटर लिस्ट प्रकाशित हो जाएगी। साथ ही चुनाव से जुड़ी सारी तैयारियां भी पूरी हो जाएगी। गौरतलब है कि आयोग पहले ही सभी पांचों राज्यों को एक ही जगह पर लंबे समय से तैनात मैदानी अधिकारियों को 31 दिसंबर तक हटाने के निर्देश दे चुका है। ऐसे में अब सिर्फ चुनावों का ही एलान होना बाकी है। इन दौरान जिन पांच राज्यों में चुनाव होने है उनमें उत्तर प्रदेश,पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल है।सूत्रों के मुताबिक आयोग ने चुनाव कार्यक्रम को लेकर जो योजना बनाई है, उनमें उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं। वर्ष 2017 में भी उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव कराए गए थे। गोवा, उत्तराखंड में एक-एक चरण में चुनाव होंगे। वहीं मणिपुर और पंजाब में दो चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं। 2017 में पंजाब में एक चरण में ही चुनाव हुए थे।

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