अमेरिका ने सच्चाई स्वीकार करना शुरू कर दिया है

अमेरिकी सेना ने अब स्वीकार किया है कि ईरान के मिसाइली हमले में उसके 11 सैनिक घायल हुए हैं
अमेरिकी अधिकारियों और सेना ने इससे पहले यह कहा था कि ऐनुल असद छावनी पर ईरान के मिसाइली हमले में कोई सैनिक हताहत व घायल नहीं हुआ है और अब अमेरिकी सेना यह कह रही है कि इस हमले में उसके 11 सैनिक घायल हुए हैं।
अमेरिकी सेना के प्रवक्ता ने स्वीकार किया है कि इनमें से कुछ सैनिकों को उपचार के लिए जर्मनी जबकि कुछ दूसरों को कुवैत स्थानांतरित किया गया है।
सवाल यह पैदा होता है कि क्या अब अमेरिकी सैनिकों को पता चला है कि उनके कुछ सैनिक घायल हुए हैं? जबकि ईरान ने 8 जनवरी को हमला किया था।
जानकार हल्कों का मानना है कि ईरान के इस हमले में दसियों अमेरिकी सैनिक हताहत व घायल हुए हैं जैसाकि ईरान ने भी कहा था कि उसके इस हमले में लगभग 70-80 अमेरिकी सैनिक मारे गये हैं परंतु जनमत के भय से अमेरिकी राजनेता और सैन्य अधिकारी इस सच्चाई को स्वीकार करने से कतरा रहे हैं।
रोचक बात यह है कि जब खुद अमेरिकी यह स्वीकार कर रहे हैं कि ऐनुल असद पर कम से कम 11 मिसाइल गिरे हैं तो सवाल यह उठता है कि क्या ये मिसाइल हवा में गिरे थे जिससे कोई घायल या हताहत नहीं हुआ? जबकि ऐनुल असद छावनी की तबाही की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उससे यह बात साफ है कि इस हमले में दसियों अमेरिकी सैनिक हताहत व घायल हुए हैं और कुछ टीकाकार तो यह भी कह रहे हैं कि अमेरिकी ऐनुल असद छावनी में हताहत वाले सैनिकों की लाश बाद में अमेरिका ले जायेंगे और यह कहेंगे कि यह अफगानिस्तान में मारे गये हैं।

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