इण्डियन पासी समाज बाराबंकी के तत्वावधान में,विजय दिवस सम्मान समारोह मनाया गया।
(एसएम न्यूज़ संवाददाता) के जिला ब्यूरो के साथ मसौली संवाददाता अवधेश वर्मा शांती वर्मा की रिपोर्ट मोबाइल नंबर 8707331705
मसौली बाराबंकी ।(एसएम न्यूज़ संवाददाता) इण्डियन पासी समाज बाराबंकी के तत्वावधान में राजा गंगा बख्श रावत व उनके वीर पुत्र कुंवर रणजीत सिंह रावत द्वारा अंग्रेज सूनापति एल्डरटोन को मार गिराने के उपलक्ष्य में गुरुवार को पारिजात संस्थान सफ़दरगंज में विजय दिवस सम्मान समारोह मनाया गया।
विजय दिवस सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए इंडियन पासी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक रामनरेश रावत ने कहा कि पासी जाति का गौरवमयी इतिहास रहा है। यह जाति 26 उपजातियों में विभक्त होकर लगभग सम्पूर्ण भारत देश में निवास करती है स्वतन्त्रता संग्राम के ठीक 7 साल पहले आजादी का बिगुल बजाने वाले पासी समाज के अन्तिम शासक राजा गंगाबख्श रावत ने अंगेज सेनापति एल्डस्टोन को 29 मार्च 1850 को मार गिराया कैप्टन ब्यालू व बार्ली विल्सन को सेना सहित खदेड़ दिया। समझौते के बहाने राजा व उनके वीर पुत्र रणजीत सिंह रावत को 18 सितम्बर 1850 को फाँसी दे दी गयी। 1857 के बाद अंग्रेजों ने अपनी विरोधी देश प्रेमी जातियो का सर्वे कराया। पूरे देश में 198 जातियों पर क्रिमिनल ट्राइव एक्ट 1871 लगा दिया। प्रमुख रूप से उत्तर भारत में पासियों पर और दक्षिण भारत में महारों पर दमन चक्र जारी किया। समय समय पर संशोधन हुए यथा 1897, 1898, 1902, 1903, 1911, 1914, 1919, 1923, 1924 संशोधित यह एक्ट और कड़े हो गये। बाबा साहब अम्बेडकर और सरदार पटेल ने 1924 में आन्दोलन करके 71 जातियों को मुक्त करा लिया। 1924 से 127 जातियाँ इसकी परिधि में रहीं। इन्हें विमुक्त जाति घोषित कर समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। पासी जाति देश आजाद होने के 5 वर्ष बाद सन् 1952 में इस कानून से मुक्ति पा सकी। पासियों का स्वाभिमान, पद, प्रतिष्ठा गयी और विद्रोही प्रवृत्ति समाप्त हुई। उसी समय से चौकीदारी का खिताब लटक गया। पासी अंग्रेजों के विरूद्ध हमेशा लड़ते रहे। सन् 1922 में गोरखपुर के चौरी चौरा काण्ड में पासी तथा अन्य दलित जातियों ने 23 अंग्रेज सिपाहियों को थाने में जिन्दा जला दिया।
श्रीमती सरोज रावत ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पासी जाति को जागरूक करने के लिए इण्डियन पासी समाज संगठन को मजबूत बनाना होगा जिसके लिए समय-समय पर बैठक करके संगठन की नीतियों की जानकारी संगठन के पदाधिकारियों को देनी चाहिए। कार्यक्रम संयोजक अरूण प्रताप सिंह रावत ने कहा कि पासी समाज को जागरूक होने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है तभी अपनी जाति का सम्मान स्वाभिमान बचाया जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुधीर कुमार सिंह सिद्धू कहा कि पासी जाति एक मार्षल कौम रही है जो हमेशा अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी है पासी जाति के अनेकों राजा हुए हैं जिनका क्रान्तिकारी इतिहास रहा है उन्हीं के वंशज रामनरेश रावत हैं जो पासी समाज के साथ सर्वसमाज के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे है। इन्हीं विचारों साथ कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। कार्यक्रम को जिलाध्यक्ष सत्यनाम रावत, श्रवण कुमार रावत व रामदयाल राजवंशी , शिवहर्ष सिंह,,बाबा रामकेवलदास सत्यनामी ने समाज के उत्थान के लिए विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में रायबरेली के रतीपाल रावत पूर्व प्रधान, साहबदीन रावत पूर्व प्रधान, मा0 उदयराज रावत, पीलीभीत से श्री हरीबाबू पासवान प्रदेष उपाध्यक्ष, सीतापुर से रामदयाल राजवंषी प्रदेष उपाध्यक्ष, स्वामीनाथ, कमलेष कुमार, जगत जीत सिंह, रामषंकर रावत, कामता प्रसाद, सतीश विश्वकर्मा, बचान रावत, राजू रावत, कुलदीप रावत, देवीप्रसाद रावत आदि सैंकड़ो लोग उपस्थित रहे।
(एसएम न्यूज़ संवाददाता) के जिला ब्यूरो के साथ मसौली संवाददाता अवधेश वर्मा शांती वर्मा की रिपोर्ट मोबाइल नंबर 8707331705