(किसान आत्मदाह प्रकरण) क्रास केस में नेताओं की सिफारिश पड़ी पुलिस को भारी।

मुकीम अहमद अंसारी संवाददाता (एसएम न्युज24 टाइम्स) सहसवान- बदायूं 9719216984

लापरवाही बरतने में भले ही इंस्पेक्टर, दो चौकी इंचार्ज समेत पांच पुलिस कर्मी निलंबित हुये थे, लेकिन अभी कई और पर गिरेगी गाज।

बदायूँ। किसान कृष्णपाल द्धारा आत्मदाह की कोशिश के मामले में पुलिस ही नहीं ब्लकि कुछ सफेद नेताओं की भूमिका भी दाग लग रहे हैं। इस पूरे मामले में आरोपियों को पुलिस की शह के अलावा नेताओं को संरक्षण प्राप्त था। नेताओं के दबाव में ही सिविल लाइंस थाने की पुलिस आरोपियों पर मेहरबान थी। नतीजन अब नेताओं द्धारा आरोपियों की सिफारिश ही पुलिस पर भारी पड़ रही। लापरवाही बरतने में भले ही इंस्पेक्टर, दो चौकी इंचार्ज समेत पांच पुलिस कर्मी निलंबित हुये हो, लेकिन कई और पर गाज गिरेगी। जिसकी जांच बरेली एसपी सिटी के नेतृत्व में एसआईटी टीम कर रही है। किसान कृष्णपाल गरीब तबके से तल्लुक रखता था। कृष्णपाल पर तीन बेटियां सजनी, सीता और नीतू व दो बेटे अमरजीत एवं ओमप्रवेश है। इनका भारण पोषण किसान के ही कंधों पर था। कुछ साल पूर्व कृष्णपाल के घर के ठीक सामने रहने वालों से ही जमीन को लेकर विवाद हो गया था। जिसके चलते कृष्णपाल ने अपनी ढाई बीघा जमीन को बेचकर आरोपियों से किनारा कर लिया था, बावजूद आरोपी अपनी दबंगई के चलते उसे प्रताड़ित करते रहते थे। गांव के लोगों ने बताया कृष्णपाल सीधे किस्म का व्यक्ति था। जिसके चलते वह आरोपियों की प्रताड़ना को झेल रहा था। आरोपी दंबग के साथ ही सिस्टम में अपनी पकड़ रखते थे। इसी वजह से इस बार आरोपियों ने अपनी प्रताड़ना के जाल में किसान को फंसा लिया था। जिसमें उनका साथ पुलिस के साथ ही सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ नेताओं ने दिया। नतीजन किसान अकेला रह गया। उसे पुलिस से ही मदद की उम्मीद थी, मगर पुलिस नेताओं के इशारे पर कार्रवाई को आगे बढ़ा रही थी। जब आरोपियों के द्वारा किसान और उसके परिवार को मारा पीटा गया तब पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज कर लिया था, लेकिन नेताओं के दबाव के आगे पुलिस उनकी गिरफ्तारी नहीं कर सकी। इसके बाद 26 अप्रैल को आरोपियों की तहरीर पर उल्टा पीड़ित पक्ष पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस घटनाक्रम में पुलिस अफसर भी अंजान बने रहे।

आरोपियों में रिटायर्ड होमगार्ड, सफाई कर्मचारी और एलआईसी एजेंट
मृतक किसान कृष्णपाल ने फसल में आग लगाने का आरोप आठ लोगों पर लगाया था। जिसमें सभी लोग आपस में सगे संबंधी है। इन आरोपियों में रामदास रिटायर्ड होमगार्ड है, रामेश्वर एलआई बीमा एजेंट और रामौतार सफाई कर्मचारी है। पुलिस ने सात आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया है, लेकिन फरार रामेश्वर के संबंध जिले के एक नेता हैं। जिसके चलते वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है।

मुकीम अहमद अंसारी संवाददाता (एसएम न्युज24 टाइम्स) सहसवान- बदायूं 9719216984

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