इस्लाम मे बेटियों को अल्लाह की रहमत कहा गया है: अहमद रज़ा

मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

बाराबंकी। सिविल लाइन्स वक्फ बड़ेल कर्बला में नौचंदी की मजलिस का आयोजन हुआ जिसको जाकीरे एहले बैत अहमद रज़ा ने संबोधित किया। जाकीरे एहले बैत ने कहा कि रसूले खुदा के दुनिया मे आने से पहले अरब के लोग बेटी पैदा होने के बाद मार देते थे। जब रसूले खुदा की विलादत (जन्म) होता है और बड़े होने पर लोगो को समझाया कि बेटी अल्लाह की रहमत है और अल्लाह की सबसे प्यारी होती है। उन्होंने आगे कहा कि हुजूर की शादी के बाद बेटी पैदा होती है जिनका नाम फ़ातिमा ज़हरा था उनकी परवरिश करके लोगो को दिखाया कि बेटी ही घर की इज़्ज़त है। अंत मे उन्होंने फ़ातिमा ज़हरा पर पढ़ने वाली मुसीबत का जिक्र किया जिसे सुनकर अजादार रो पड़े। मजलिस के बाद मौला अब्बास का अलमे मुबारक बरामद किया जो कर्बला परिसर में गश्त हुआ। जिसमे शहर की अन्जुमनो ने नोहखवानी व सीनाजनी की। मजलिस से पूर्व में शायरो ने अपना अपना कलाम पेश किया। मजलिस समाप्ति के बाद कर्बला मुतवल्ली असद रिज़वी कर्बला खादिम समीर अब्बास ज़ैदी ने सभी मोमिनों का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर आमिर रज़ा, जीशान हुसैन नक़वी, कमर इमाम सिब्तेन आब्दी के अलावा आसिफ हुसैन “पत्रकार” मौजूद रहे।मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489

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