पाकिस्तान में चरम पर पहुंची कंगाली

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इस्लामाबाद । पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। इसका बोझ अब जनता पर दिखाई देने लगा है। भीषण नकदी तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की वार्षिक मुद्रास्फीति 38.42 प्रतिशत के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई है। आवश्यक चीजों के दाम में बढ़ोतरी लगातार जारी है। महंगाई दर में यह बढ़ोतरी तब हुई है, जब शहबाज शरीफ सरकार ने आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए टैक्स और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाए हैं। हालात ऐसे हैं कि लोगों के पास पैसा है, पर मार्केट में सामान की कमी देखी जा रही है। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार अल्पकालिक मुद्रास्फीति को मापने के लिए इस्तेमाल होने वाले संवेदनशील मूल्य सूचकांक (एसपीआई), साल दर साल बढ़ कर अब 38.42 फीसदी पहुंच गया है। पिछले सप्ताह 34 चीजों के दाम में बढ़ोतरी हुई है, जबकि पांच में कमी की गई और 12 में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ। ऐसे लोग जिनकी सैलरी 29,518 से 44,175 है उन पर इसका सबसे ज्यादा 39.65 फीसदी असर देखने को मिल रहा है। साप्ताहिक आंकड़ा अगर देखें तो एसपीआई में 2.89 फीसदी की वृद्धि हुई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अचानक हुई बढ़ोतरी ने पाकिस्तानी अवाम की कमर तोड़ दी है। इसका सबसे बड़ा कारण पाकिस्तानी सरकार की ओर से ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी है। तेल की कीमतें बढ़ते ही अचानक से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है। एसपीआई का इस्तेमाल पाकिस्तान के 17 शहरों के 50 बाजारों में सर्वे के लिए किया जाता है। इसमें दैनिक इस्तेमाल की 51 चीजों के दामों को मापा जाता है। साप्ताहिक स्तर पर पेट्रोल की कीमतों में 8.82 फीसदी, खाने के तेल में 8.65 फीसदी, घी में 8.02 फीसदी, चिकन में 7.49 फीसदी और डीजल में 6.49 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं अंडे, प्याज और टमाटर के दाम में कमी आई है। हालांकि ये कमी कोई खास नहीं है, क्योंकि प्याज के दाम एक साल पहले की तुलना में चार गुना बढ़ गए हैं। चिकन का दाम भी एक साल में दोगुना हो चुका है। दूध का दाम अब 250 रुपए लीटर हो गया है। वहीं, चिकन के दाम 780 रुपए प्रति किग्रा हो गए हैं। वहीं बोनलेस चिकन का दाम 1000 से 1100 रुपए पहुंच चुका है।

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