भाजपा की छीछालेदर कर कहां जा छिपा “रहस्यमय कटप्पा”?

कृष्ण कुमार त्रिवेदी

चर्चा है कि वायरल वीडियो सच या झूठ !इसका तो जांच के बाद चलेगा पता! लेकिन इसे वायरल करने के पीछे है किसका दिमाग?

उपेंद्र रावत को निशाना बनाने के साथ ही छुपारुस्तम कटप्पा ने भाजपा को भी दी चुनौती! यह बाहरी है या फिर घर का भेदी?


बाराबंकी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बाराबंकी देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि यहां पर भाजपा के द्वारा घोषित प्रत्याशी के तथाकथित वायरल वीडियो ने राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया है!
फिलहाल उपेंद्र रावत ने वायरल वीडियो को फर्जी बताते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन इसी के साथ यह रहस्य भी गहरा गया है कि वीडियो वायरल कर भाजपा की छीछालेदर करने वाला “छुपारुस्तम कटप्पा” आखिरकार किस आका की गोद में जा छिपा है? अब यह बाहरी है या फिर घर का भेदी??

राजनीति में लोग कुर्सी पाने के लिए किसी भी स्थिति तक गिर जाते हैं ?ऐसे में बाराबंकी में भाजपा प्रत्याशी का वायरल वीडियो भी इसी विधा को दर्शाता है ? वीडियो सही है या गलत है इसकी तो खैर साइबर टीम जांच कर रही है।

लेकिन सोचने समझने का विषय यह है कि वायरल किए गए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किसने किए? इसके पीछे क्या भाजपा सांसद के स्वयं के कुछ खास लोग हैं? अथवा उनके विरोधी हैं? या फिर उनके दल से ही जुड़े हुए लोग? वीडियो सच है तो उसे बनाया किसने? वीडियो यदि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या डीप फेक तकनीक के जरिए बनाए गए तो उसे बनवाया किसने? ऐसे कई प्रश्न है जो आम भाजपाई एवं आम व्यक्ति को उलझन में डाले हुए हैं !

उपेंद्र रावत का दावा है कि वीडियो फर्जी है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि दोबारा टिकट मिलना कुछ लोगों को गवारा नहीं हुआ और मेरे प्रमुख राजनीतिक विरोधियों ने यह वीडियो वायरल करवाया है ।

वैसे दूसरी ओर अन्य सियासी दरबारों में छनकर आई चर्चा में एक बात यह भी सामने आई है कि हताशा में किसी गलत बात को आगे नहीं बढाना चाहिए। आग लगती है! तभी धुआं उठता है? लेकिन अब यह आग लगाने वाला कौन है? वैसे इस संबंध में जनपद के प्रमुख नेताओं ने आपसी चर्चा के दौरान अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वीडियो फर्जी हो या सच हो! उन्हें वायरल करना अत्यंत निंदनीय कृत्य है। क्योंकि किसी को इस प्रकार से मानसिक व सामाजिक रूप से दोषारोपित करना पाप है। वैसे मैं कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया भी इस प्रकरण पर अंगरामन्य नागरिकों की तरह यह मानता हूं कि किसी पर व्यक्तिगत आक्षेप की ऐसी कुत्सित राजनीतिक लड़ाई का अत्यंत गलत व निन्दनीय है। भाजपा कैंप में इसे लेकर चर्चाएं तो बहुत हैं ?लेकिन सभी संगठन का सम्मान करते हुए शांत है!

पता चला है कि वैसे कुछ लोगों ने इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से ट्वीट का खेल भी खेल डाला? जबकि कुछेक ऐसे भी लोग हैं जो वीडियो की जांच के पहले ही उसे सच बता रहे हैं।बाराबंकी ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों में भी लोग एक कयास लगा रहे हैं कि ऐसा पीठ में खंजर भोकने वाला कौन सा “छुपारुस्तम कटप्पा” था? जिसने इस मामले को सफलतापूर्वक अंजाम दे डाला?

जन चर्चा है कि यह कटप्पा भाजपाई है या फिर गैर भाजपाई ?अथवा फिर कोई पेशेवर आइटम बम! क्योंकि इस कटप्पा ने वायरल वीडियो का ऐसा ठप्पा भाजपा की पीठ पर छापा कि निशाने पर भले ही उपेंद्र रावत रहे हो! लेकिन इससे भाजपा की भी जमकर छीछालेदर हो गई? अब यह अलग बात है कि भाजपाई इसे हृदय में मानते हुए भी चर्चा के दौरान स्वीकार न करें!

सूत्रों का दावा है कि हो सकता है कि भाजपा ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए उपेंद्र रावत से चुनाव न लड़ने का संदेश पारित करवा दिया हो ?लेकिन जन चर्चा में अभी भी सच एवं झूठ को लेकर बहस जारी है !सत्य यह भी है कि इस तथा कथित वीडियो ने उपेंद्र रावत की साख को भी काफी धक्का पहुंचाया है। जहां तक सवाल है अन्य लोगों का तो उसमें ऐसे भी तमाम लोग हैं जो इस वीडियो का जमकर चटकारे लेकर मजा लेते नजर आ रहे हैं ?

भाजपाई कार्यकर्ता बेचैन है लेकिन विरोधियों का जवाब दे रहे हैं! मालूम हुआ है कि विरोधी दल के कई नेताओं ने सधे अंदाज में इस पर हमलावर होने की स्थिति को आगे बढ़ा रखा है! कूटनीति के तहत यह प्रयास जारी है कि भाजपाई इस मुद्दे पर स्वयं ही एक दूसरे पर खर दूषण बनकर हमलावर हो जाए। जिससे भाजपा बाराबंकी के चुनाव में निपट जाए?

प्रश्न है कि आखिर भाजपा प्रत्याशी एवं भाजपा संगठन की पीठ पर अपमान के ऐसे घातक खंजर भोकने वाला “छुपारुस्तम कटप्पा”आखिर है कौन? ये रहस्यमय कटप्पा वीडियो वायरल करने के बाद अब किस आका की आस्तीन में जाकर छुप गया है? अब यह “छुपारुस्तम कटप्पा” चुनाव के पहले वायरल होगा या फिर चुनाव के बाद! यह तो आने वाला समय ही बताएगा?

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