नौजवानों को बरबाद कर रहा है सट्टा बाजार! -पान की गुमटी से लेकर चाय के होटलो पर लगती है भीड़ प्रशासन मौन? -दस के हजार करने के चक्कर में कई परिवार हो रहे हैं बरबाद।

सगीर अमानउल्ला के अब्दुल मुईद की खास रिपोर्ट

बाराबंकी।जनपद बाराबंकी शहर के पीरबटावन मोहल्ले में वर्तमान समय में सट्टा खुलेआम खेला जा रहा है और इस सट्टे की जानकारी पुलिस को भी है,पर कार्रवाई करने की हिम्मत पुलिस नहीं जुटा पा रही। कई नौजवान काम धंधा छोड़कर दस रूपये से एक हजार रूपये करने के चक्कर में अपना जीवन कर रहे हैं बरबाद। सट्टे के लालच में कई लोगों के बिक गये मोबाइल से लेकर मोटर साइकिल तक। घर परिवार वाले हैं काफी हैरान व परेशान।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के सिटी पुलिस चैकी क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले मोहल्ला पीरबटावन में बाल्दा रोड, ईदगाह व भितरी पीरबटावन नागेश्वर नाथ रोड, रेलवे लाइन के किनारे, राजकमल रोड पर, कसाई गली, पानी टंकी, फजलुर्रहमान पार्क स्थित पान की गुमटियों व होटलों पर सटोरियों की भीड़ लगी रहती है जिससे वह अपने पैसों के साथ-साथ आम जनता के जीवन से खिलावड़ कर रहे हैं। कई युवा तो वर्तमान समय में काम-धाम छोड़ करके दस के हजार के चक्कर में रहते हैं। उन लोगों ने अपना मूल व्यवसाय करने में मन नहीं लग रहा है इसलिए बंद कर दिया है अब वह सिर्फ सट्टे के सहारे ही जीवनयापन कर रहे हैं। मालूम हो कि इतना बड़े स्तर पर लगने वाले सट्टे की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं है या जानबूझकर कर अंजाम बने हैं। जिसका बकायदा सट्टा कारोबारी उठा कर सट्टा खिलाने वाले दिनों दिन मालामाल होते जा रहे हैं और खेलने वाले कर्जदार। इस सम्बंध में जब कई लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अब इसकी शिकायत हम लोग कहा करे भी तो कहा इनको राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है सट्टे को तो हम क्या कर सकते हैं। एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस समय होटलों व पान की गुमटी पर 10 साल के बच्चे से लेकर 40 साल तक के व्यक्ति सिर्फ सट्टा लगाने में ही व्यस्त रहते हैं यहां तक कि घर का कोई काम नही करते हैं सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ होटलों पर बैठे रहते हैं।

संवाददाता ने जब अवैध रूप से संचालित सट्टा के बारे में जानने के लिए मौके का निरीक्षण किया तो देखा कि बाल्दा रोड पर लगने वाले ठेलों वालें से लेकर पान की गुमटी पर लगातार भीड़ लगी है, एक दुकानदारों से पूछा कि वर्तमान समय में कोविड-19 के अन्तर्गत भीड या जमावड़ा लगाने पर प्रतिबंध है, इस पर वहां के दुकानदारों ने बताया कि भइया यह लोग खरीददार नहीं है, अगर खरीददार होते तो सामान खरीदकर चले जाते यह लोग यहां सुबह से लेकर शाम तक इसी तरह खड़े व बैठे रहते हैं इनका मुख्य कार्य सट्टा खेलना है। आप जब भी आयेंगे यह लोग आपको चैराहे के आसपास ही मिलेंगे, यहां तक यह लोग मास्क भी नहीं लगाते हैं और अगर दुकान के सामने खड़े होने से मना करो तो अमादा फसाद होते हैं गंदी-गंदी गालियां देते हैं, हम लोगों को दुकानदारी करनी रहती है इसलिए हम लोग इस संगठित सट्टा गिरोह से लड़ाई झगड़ा नहीं कर पा पाते हैं।

अब देखना है कि उक्त सट्टा इसी तरह फलता फूलता रहेगा और समाज के नौजवानों को बरबाद करता रहेगा या इन अवैध रूप से संचालित सटोरियों के विरूद्ध पुलिस कोई ठोस कार्यवाही करेगी यह तो वक्त ही बतायेगा।

सगीर अमानउल्ला के अब्दुल मुईद की खास रिपोर्ट

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