झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ खबर लिखना पत्रकार को पड़ा महंगा दंबगो ने पत्रकार को हाथ-पैर तोड़ कर जान से मारने की दी धमकी पत्रकारों के साथ इस तरीके की बदसलूकी कब तक चलेंगे यह बड़ा सवाल मामले को लेकर पत्रकारों में आक्रोश धरना प्रदर्शन करने की कही बात
बाराबंकी। योगी सरकार भले ही नई नई गाइडलाइन जारी कर पत्रकारों को सुरक्षा देने की बात कर रही हो लेकिन यह गाइडलाइन हवा हवाई ही साबित होती हुई नजर आ रही है, जिसका जीता जागता उदाहरण कहीं भी किसी भी समय देखा जा सकता है, अगर पत्रकारों के उत्पीड़न की बात किया जाए तो पत्रकार लगातार उत्पीड़न का शिकार होते रहे, कई बार तो यह भी देखने को मिला कि उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की बीच चैराहे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई है, लेकिन उसके बावजूद भी सरकार गाइडलाइन ही जारी कर पत्रकारों की हितैषी बनने की कोशिश कर रही है, फिलहाल ताजा मामला बाराबंकी से सामने आया है जहां पर एक अज्ञात व्यक्ति ने एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार को बुरी तरह गाली दी है। धमकी देने वाला अज्ञात अपने आपको स्वास्थ्य मंत्री का स्टेनो तो कभी बताता है जिला मीडिया प्रभारी दंबगो की धमकी रिकॉर्डिंग भी काफी तेजी के साथ वायरल हो रही है, प्राप्त जानकारी के अनुसार सतीश रावत जो सतरिख थाना क्षेत्र के जैनाबाद बबुरिहा के रहने वाले हैं सतीश रावत का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ खबर लिखी थी उसी से खुन्नस खाए एक डॉक्टर ने बुरी तरह गाली दी है या फिर धमकी दिलवाई है फिलहाल इस धमकी में साफ तौर पर गाली गलौज और जान से मारने की धमकी के साथ-साथ जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया है ,जिसकी निंदा चारों तरफ हो रही है, फिलहाल इस संबंध में पत्रकारों में काफी ज्यादा आक्रोश देखने को मिल रहा है, वही पीड़ित पत्रकार ने इस संबंध में संबंधित थाना समेत अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया है कार्यवाही की मांग की है।
हिंदी पत्रकार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उच्च अधिकारियों से की न्याय की मांग
हिंदी पत्रकार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी इस मामले को लेकर निंदा करते हुए उच्च अधिकारियों से कार्यवाही की मांग की है उनका कहना है कि अगर कार्यवाही नहीं हुई तो धरना प्रदर्शन करने के साथ-साथ सड़क जाम करने का भी काम किया जाएगा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आसिफ हुसैन कहते हैं कि पत्रकारों के साथ आए दिन बदसलूकी हुआ करती है फिर बाराबंकी में बदसलूकी का शिकार एक पत्रकार हुआ है जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी मौजूद है इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारी संज्ञान ले तो वही हिंदी पत्रकार एसोसिएशन के जिला संगठन मंत्री श्रवण चैहान ने कहा कि इतने पक्के सबूत होने के बाद भी अधिकारी कर्मचारी आखिर क्यों संज्ञान नहीं ले रहे हैं, अगर इस पर संज्ञान नहीं लेंगे तो पत्रकार उच्च अधिकारियों की गुड वर्क की खबर लिखना बंद कर देगा, गौरतलब है कि इस मामले की निंदा रामकुमार वर्मा राजवंत, अरशद सुदीप धीरेंद्र सिंह पटेल सोनू दीक्षित अजमल करण रोहित दीक्षित कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा।