तमाम तरह के गुणों से भरपूर है लौंग

संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट एसएम न्युज24 टाइम्स 8004283330

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डायबिटीज से लेकर हड्डियों तक का होता है इलाज

नई दिल्ली । छोटा सा लौंग तमाम तरह के गुणों से भरपूर है। लौंग लिवर और ब्लड शुगर स्तर में सुधार लाता है। लौंग में फाइबर, विटामिन और खनिज पाया जाता है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे खाने में शामिल करने की सलाह देते हैं। एक चम्मच लौंग में 6 कैलोरी और प्रतिदिन के लिए जरूरी 55 फीसदी मैंगनीज पाया जाता है। दिमाग को सही ढंग से काम करने और मजबूत हड्डियों के लिए मैंगनीज बहुत जरूरी है।

लौंग में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। एंटीऑक्सिडेंट पुरानी बीमारियों को बढ़ाने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। लौंग में यूजेनॉल नामक एक यौगिक होता है जो एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। एंटीऑक्सीडेंट वाले फूड्स के साथ लौंग खाने से शरीर पूरी तरह से सेहतमंद रहता है। स्टडीज के अनुसार लौंग में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को कैंसर से बचाए रखने में मदद करते हैं। लौंग का अर्क ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है और कैंसर कोशिकाओं को मारता है। लौंग में पाए जाने वाले यूजेनॉल में एंटीकैंसर प्रॉपर्टीज पाए जाते हैं। ये सर्वाइकल कैंसर से बचाता है।

लौंग में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। लौंग का तेल फूड प्वाइजनिंग करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मददगार होता है। लौंग के एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों के लिए भी बहुत अच्छे माने जाते हैं। ये मसूड़े में होने वाले रोग को मारते हैं। स्टडी में पाया गया है कि लौंग में पाए जाने वाले कंपाउंड लिवर की सेहत के लिए अच्छे होते हैं। लौंग में पाया जाने वाला यूजेनॉल लिवर फंक्शन को सुधारता है, इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते है। स्टडीज के अनुसार लौंग में पाया जाने वाला यूजेनॉल हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है और उन्हें मजबूत करता है। लौंग में का मैंगनीज हड्डियों में संरचनात्मक विकास करता है। कुछ स्टडीज में पाया गया है कि लौंग पेट के छालों को कम करता है। पेट के छालों को पेप्टिक अल्सर भी कहा जाता है। आमतौर पर ये इंफेक्शन की वजह से हो जाते हैं। एक एनिमल स्टडी में लौंग का अर्क कई अल्सररोधी दवाओं की तरह ही पेट के अल्सर के इलाज में काफी प्रभावी पाया गया है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक हफ्ते तक यूजेनॉल के सेवन से ग्लूटाथियोन-एस-ट्रांसफरैस एंजाइम के स्तर में कमी आती है और लिवर मजबूत बनता है। स्टडी के अनुसार, लौंग में पाए जाने वाले कंपाउंड ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं। लौंग में पाया जाने वाला खास तत्व नाइजेरिसिन इंसुलिन को बनाने वाली कोशिकाओं को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसकी वजह से डायबिटीज होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। ज्यादातर लोगों को हड्डियों की समस्या रहती है जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

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