करोड़ो की जमीन मेें हुई हेरफेर, प्रशासन ने एक पक्ष को करवाया कब्जा
मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489
हैदरगढ़, बाराबंकी। नगर पंचायत के ब्रह्मनान वार्ड में विगत कई दशकों से पारिवारिक विवाद में उलझी करोड़ों रुपए कीमत की 5 बीघा से अधिक भूमि पर उप जिलाधिकारी के निर्देश पर पुलिस बल के साथ पहुंची राजस्व टीम द्वारा मेड़बंदी के नाम पर एक पक्ष को जबरन कब्जा करा दिया गया। प्रशासन की इस कार्यवाही का विरोध करने पहुंचे दूसरे पक्षकारों की दलीलों को अनसुना कर दिया कर दिया गया, प्रशासन की इस एक पक्षी कार्यवाही पर कड़ा विरोध जताते हुए पीड़ित पक्ष इस मामले में न्यायालय से स्थगन आदेश लेने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के मुताबिक वार्ड निवासी उमराव पुत्र खुशहाल ने जासेपुर गांव निवासी गाजी खां पुत्र फुर्सत के पास 15 फरवरी 1890 को 60 साल के लिए रेहन पर रखे थे, परंतु मियाद बीतने के बाद भी धन ना वापस करने पर गाजी खां के पौत्र मुन्ने खा पुत्र गफूर खा एवं गाजी खां के पुत्र औलाद मोहम्मद मोहम्मद के अलावा मोहम्मद शफी खा मोहम्मद रफीक खा पुत्रगण युसूफ खा आदि ने न्यायालय में वाद दायर किया जब फैसले की घड़ी आई तो मुन्ने खां पुत्र गफूर खान ने यह जमीन चलाकी से राजस्व अभिलेखों में अपने अलावा अपने दो सगे भाइयों गफ्फार एवं जब्बार खान के नाम दर्ज करा ली जिसकी जानकारी होने पर अन्य पक्षकारों ने सन 1982 में उप जिलाधिकारी न्यायालय में 229इ का मुकदमा दर्ज कराया। राजस्व जांच में पाया कि मामला वरासत से संबंधित है, तो राजस्व टीम की सलाह पर संबंधित पक्षकारों द्वारा तहसीलदार न्यायिक के न्यायालय में वाद दायर किया गया। वहीं राजस्व टीम ने जांच में पाया कि मुन्ने खां के अलावा मोहम्मद नासिर खान औलाद मोहम्मद खान एवं युसूफ खान के वारिसों का भी कब्जा एवं दखल मौजूद है। शमसुद्दीन का आरोप है कि इसी बीच हल्का लेखपाल इंद्रमणि त्रिपाठी से सांठगांठ करते हुए मुन्ने खां गफ्फार एवं जब्बार खान पुत्र गढ़ गफूर खान के वारिस कयूम खान मोहम्मद जमील, जमील अहमद, तसद्दुक हुसैन व इशरत अली ने 2016 में एसडीएम कोर्ट में बटवारा का वाद दायर कर दिया। इस हेरा फेरी की जानकारी होने पर अन्य पछ पक्षकारों ने आपत्ति दाखिल कर दी, फिर भी सोमवार को पुलिस बल के साथ पहुँची राजस्व निरीक्षक व लेखपाल की राजस्व टीम की मौजूदगी में तीन-तीन जेसीबी मशीनें चलाकर मेड़बंदी करा दी गई। जब इस मामले के पक्षकार शमसुद्दीन पुत्र सफी खान एवं शरीफ खान तौकीर खान आदि ने प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध किया, तो उनके विरोध को अनसुना कर दिया गया जबकि इस भूमि के मामले में तहसीलदार न्यायिक के न्यायालय में बटवारे के अलावा सिविल कोर्ट एवं चकबंदी विभाग में भी मुकदमे चल रहे हैं। वही राजस्व प्रशासन की इस कार्यवाही का जबरदस्त विरोध हो रहा है। जब इस संबंध में वार्ता करने के लिए उप जिलाधिकारी के सीयूजी नंबर पर फोन लगाया गया तो कॉल उप जिलाधिकारी की बजाए अर्दली ने रिसीव किया और परिचय देते ही उसने फौरन फोन काट दिया। फिर इस सम्बंध मेें तहसीलदार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले हमें कोई जानकारी नहीं है। राजस्व टीम द्वारा उप जिलाधिकारी के निर्देश पर कार्यवाई गई थी और राजस्व टीम ने उन्हें सीधे रिपोर्ट की है। इसलिए वह कोई जानकारी देने में सक्षम नहीं है इस संबंध में उन्होंने उच्च अधिकारी से वार्ता करने की सलाह दी।
मामुन अंसारी जिला ब्यूरो बाराबंकी(एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)9044641489