सुविधा देने में बीमा कंपनियां और निजी अस्पताल की अड़ंगेबाजी: मोदी
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नई दिल्ली। कोरोना के कहर से लोगों को बचाने में जहां केंद्र और राज्य की सरकारों के साथ-साथ सामाजिक संगठन और औद्योगिक घराने भी पूरी शक्ति से लगे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ निजी अस्पताल और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कोरोना संक्रमितों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने में अडंगेबाजी कर रही हैं। यह बात भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कही। उन्होंने कहा कि शिकायत यह भी है कि एक तो चिकित्सा सेवाओं का शुल्क बहुत ऊंची दर पर चार्ज किया जा रहा है और दूसरे नकद भुगतान करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ट्वीट कर सांसद ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में स्वास्थ्य बीमा कंपनियां और निजी अस्पताल मानवीय रुख अपनायें और हर बीमित मरीज को आसानी से कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करें। यदि बीमा कंपनियां और संबंधित अस्पताल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो बीमा नियामक अधिकरण को ऐसे मामलों में तुरंत पीड़ितों के हित में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट से अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए आईटीसी ग्रुप 20 टन की क्षमता वाले 24 क्रायोजेनिक टैंकर सिंगापुर से मंगा रहा है। टाटा समूह भी भी दो दर्जन क्रायोजेनिक टैंकर उपलब्ध करा रहा है। केंद्र सरकार को ऑक्सीजन परिवहन की जरूरतों को देखते हुए बिहार को भी कुछ क्रायोजेनिक टैंकर शीघ्र उपलब्ध कराने चाहिए।
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