एसडीएम व उनके परिवार की बेनामी सम्पत्ति की जांच हो: ताज बाबा राईन 

अब्दुल मुईद सिटी-अपराध ब्यूरो। (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स) 9936900677

दोषी अधिकारियों की लोकेशन व काॅल डिटेल की जांच कराई जाए।

घटना में शामिल सभी अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हो। 

तहसील प्रशासन ने दहशत कायम करने के लिए रात में दिया घटना को अंजाम 

‘सी0बी0आई0 जांच से खुल जायेंगे दोषियों के राज’’

बाराबंकी। तहसील रामसनेहीघाट के एसडीएम ज्यादातर विवादांे में बने रहते हैं इसी कड़ी कल लाॅकडाउन अवधि में पी0ए0सी0 लगाकर अंग्रेजों के जमाने से कायम मस्जिद को मनमाने तरीके से गिरा दिया। सुमेरगंज मस्जिद को प्रशासन ने अपनी मनमानी और कोर्ट के ऑर्डर को नजरअंदाज करते हुए शहीद कर दिया गया है  जबकि कोर्ट का ये साफ कहना है कि अगर किसी भवन को गिराने का आदेश भी हो तो वह 31 मई 2021 तक न गिराया जाय, यह तो ब्रिटिश काल से कायम मस्जिद थी। एसडीएम व उनके परिवार की बेनामी सम्पत्ति की जांच हो तथा दोषियों पर मुकदमा दर्ज करते हुए सी0बी0आई0 जांच की जाये। उक्त बात ताज बाबा राईन ने जारी प्रेस विज्ञिप्त के माध्यम से दी।    
मालूम हो कि जहाँ होती थी देश मे शांति सुकून हर बला आफत से बचने की दिन में 5 वक्त दुआ, उस बाराबंकी की रामसनेही घाट में तहसील मस्जिद को सोमवार 17 मई  को कर डाला गया मनमाने तरीके से शहीद। मस्जिद की शहादत से वो माँए गयी तड़प, जिन्होंने अपने लाडलो की तबियत खराबी पर सेहत के लिये नमाजियों से फुंकवाई थी दुआ। वक्फ एक्ट के संसद और राज्य सभा मे पास नियम कानून जो राष्ट्रपति जी ने लागू किया था प्रदेश की सरकारों ने संस्तृति की थी उस एक्ट की धज्जिया उड़ाते हुए कारोना काल मे हाइकोर्ट के सभी तरह के ध्वस्तीकरण के रोक के बाद भी मस्जिद के आसपास के इलाके को सील कर चला दिया गया बुलडोजर और रातो रात सारा मलवा हटा कर कई पी0ए0सी0 बटालियन का पहरा लगा दिया गया। यहीं नहीं कई पत्रकारो को भी जलील किया गया कैमरे से तस्वीरों को डिलीट करवा दिया गया और मौके पर जाने पर पूरी पाबंदी लगा दी गयी।
प्रशासन की इस कार्यवाही से रात भर गूंजी सिसकियां, फिजा में भी उदासी, ना कोई तमगा मिला ना वाहवाही, हा शायद इस हरकत पर खुद जमीर ने जरूर की हो ऐसी शरारत पर लानत। कारोना के कहर से हो रही मौतों और तूफान की आमद से नये अजाब से सहम गये जहान में इंतेशार फैलाने की साजिश बनी चर्चा।
विश्वस्त्र सूत्रों से पता चला है कि प्रशासन की इस कार्यवाही से जहंा जनता में काफी रोष है वहीं इस घटना के बाद से पुलिस व प्रशासन के खिलाफ तरह-तरह की चर्चा हो रही है, पूरा प्रशासन कोरोना महामारी में ग्रामीण इलाके में तेजी से हो रही मौतों व स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रहा है किन्तु बाराबंकी की कौमी एकता की सरजमी पर कोई बड़ा विवाद खड़ा करना चाहता है। प्रशासन के इस कृत्य से जहां समाज के हर वर्ग में खाली नाराजगी देखने को मिल रही है।

वहीं मोहम्मद आसिफ एडवोकेट, हशमत अली गुड्डू, मो0 नईम आदि लोगों ने भी एक स्वर में कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश की अवमानना तहसील प्रशासन ने की है। जिसकी हम लोग कड़ी निन्दा करते है और कार्यवाही की मांग करते हैं।अब्दुल मुईद सिटी-अपराध ब्यूरो। (एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स) 9936900677

Don`t copy text!