उत्तराखंड पुलिस को हौसला दे रही मेहताब की कलम…….

देहरादून से शादाब अली की रिपोर्ट

कोरोना से प्रदेश ने ऐसे हालात देखे है जब इंसान इंसान से दूरी बनाने को मजबूर था,अपने अपनो से संक्रमण के डर से हाथ थामने से दूर था,जिनसे उम्मीद थी उनका दरवाजा बंद था पर इनके बीच भी प्रदेश कोरोना से जंग जीतने में कामयाब था और आज भी होगा।। क्योंकिइस जंग में जब प्रदेश बेहाल था तब वर्दी का ही तो साथ था जिन्होंने हमे घरों में सुरक्षित रख खुद सडकों पर मोर्चा संभाला था। उस दौरान वर्दी के कई सिपाही घायल हुए कईयों ने सहादत को गले भी लगाया पर अपने इरादों की जमीन पर अडिगता से खड़े रहे और आज भी निस्वार्थ भाव से खड़े है।।

उत्तराखंड पुलिस का यह हौसला ही था जिन्होंने एक दूसरे का हाथ थामे शहर को सुरक्षा घेरे में रखा। पीठ पर बाहरी दर्द झेला और सीना गर्व से चौड़ा कर सुरक्षा का दायित्व संभाला। उत्तराखंड पुलिस का यह हौसला और आपसी समन्वय ही था जिन्होंने एक वर्दी को दूसरे वर्दी के कर्तव्यों को सलाम करते हुए उसके सराहनीय कार्य को आगे बढ़ाया। अपने वर्दी भाईयों के इसी जज्बे को सलाम करते हुए उत्तराखंड पुलिस की वर्दी की कलम से एक गीत इन वर्दी के हौसले को ‘खूबसूरत सलाम’ कर रहा है। हरिद्वार सीपीयू में तैनात मेहताब अली ने उत्तराखंड पुलिस कर्मियों द्वारा जंग में खुद को काबिल बनाने के संघर्ष को बताती हुई तस्वीरों के सहारे पुलिस कर्मियों के जज्बे को सलाम कर मालिक से ‘खुद को संभाल लेने की’ दुआ की है।उन्होंने न सिर्फ इस गीत को लिखा है बल्कि इसे स्वयं अपने सुरों से सजाया भी है….

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