कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैश्विक एकजुटता की जरुरत

लेखक शिव कुमार खरवार एसएम न्यूज़24टाइम्स 8115546352

एसएम न्यूज़24टाइम्स ; कोरोना महामारी भारत ही नही अपितु विश्व के प्रत्येक राष्ट्र के लिए चुनौती बनकर उभरा जिससे प्रत्येक राष्ट्र के जान दृ माल पर प्रहार है द्य आज कोरोना महामारी के प्रसारित हुए तकरीबन डेढ़ साल बीत चुके इसके पश्चात् भी कोरोना मह्रामारी से उभर पाना संभव नही हो सका है द्य दिनोदिन देश वासियों की सामाजिक ए आर्थिक ए सांस्कृतिक स्थितीय ख़राब होती ही जा रही है द्य इस समस्या के दृष्टिगत आज जरुरत आन पड़ी है द्य वैश्विक के राष्ट्रों को एकजुट करने की द्य ताकि इस विषाणु जनित समस्या को जड़ से ख़त्म किया जा सके

भूमिका

कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर आज जरुरत आन पड़ी है द्य सामूहित एकता की द्य चूँकि कोरोना महामारी विश्व की समूचित आबादी के समक्ष चुनौती बनकर उभरा है ए जिससे मानव जीवन के सभी पक्ष प्रभावित हुए है ए जिससे विश्व की महाशक्ति भी अछूते नही रही ;
कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण वर्तमान समय में दुनियाभर के 220 राष्ट्रों के 168ए584ए963 लोग संक्रमित हो चुके है तथापि इस महामारी के कारण अब तक दुनियाभर में 3ए501ए483 लोगो की मृत्यु हो चुकी है ए जिनमे दिनोंदिन बढ़ोतरी ही होती जा रही है ;

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के प्रथम चरण ; वेब द्ध के दौरान भारत को उतनी समस्या का सामना नही करना पड़ा ए जितना की कोरोना महामारी के दूसरी लहर के दौरान करना पड़ा द्य चूँकि कोरोना महामारी के दुसरे लहर के दौरान कोरोना मह्रामारी से प्रभावित लोगो में साँस की समस्या ए पिछले कोरोना महामारी की लहर की तुलना में कई गुना अधिक देखने को मिली ए जिससे बड़ी तादाद में लोगो की मृत्यु भी हुई और हो भी रही है द्य जिसका मुख्य कारण अस्पतालों में आक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर की भारी किल्लत का होना पाया गया ए आक्सीजन की आपूर्ति के अभाव में बहुत से लोगो ने दम तोड़ दिये द्य हालाँकि आंशिक तालाबंदी के कारण कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण में कमी लाई जा सकी है  ;
जबकि विभिन्न प्राधिकार प्राप्त संस्थाए अपने उत्तरदायित्व से मुख चुराती नजर आई द्य कोरोना महामारी के संक्रमण से मरने वाले लोगो के सम्बन्ध में ए उपलब्ध कराये गये आकड़ो एवं वास्तविक आकड़ो में भारी असामनता देखने को मिली द्य जैसा की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महोदय ने अपने एक निर्णय के दौरान के कहा था कि राजनेता एवं नौकरशाह अपनी कमी को स्वीकार करने से कतराते है द्य वो बाते यहाँ एकदम सही प्रतिक हो रही है द्य कुछ दिन पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा एक ऐसा आदेश जारी किया गया जिससे यह बात और भी स्पष्ट हो गई ;
कि उत्तर प्रदेश राज्य में आक्सीजन एवं वेंटिलेटर की कमी नही है द्य यदि इस प्रकार का कोई भ्रम फैलता हुआ पाया गया ए तो उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी द्य कुछ ऐसा ही गैर जिम्मेदारानापूर्ण वक्तव्य भारत के गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा बंगाल चुनाव के दौरान दिये गये ए जिसमे उन्होने कोरोना संक्रमण के प्रभाव को चुनावी रैली से भिन्न बताया था द्य इसके पूर्व भारत के प्रधानमन्त्री के द्वारा कोरोना महामारी के प्रथम लहर के दौरान देश के आवाम को थाली . ताली बजाने का आवाहन किया जा चुका था ए जिसके घोर आलोचना भी हुई थी द्य किन्तु अपने जिम्मेदारीयों से विमुख प्रतिक होते जन सेवक चुनावी रैलियों में मसरुख नजर आए द्य जब भारत की बहुत बड़ी आबादी को कोरोना काल बनकर निगल रहा था ;

जबकि इस समय भारत को जरुरत थी ए एकजुटता की द्य ऐसा भी नही है कि भारत एकजुटता के जरिए कोरोना महामारी से निपटा जा सकता था ध्है द्य इसके लिए वैश्विक एकजुट की भी जरुरत थीध्है द्य किन्तु विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राष्ट्रों के द्वारा नकारात्मक कूटनीति का सहारा लिया गया ए कनाडा ए ब्रिटेन ए अमेरिका जैसे राष्ट्र कोरोना महामारी को रोकने में कामगार साबित होने वाले वैक्सीन के जमाखोरी के पक्षधर बने रहे द्य जबकि भारत सहित 65 देशो ने वैक्सीन के पेटेंट बाध्यता की समाप्ति की अनुशंसा की थी द्य हालाँकि एक हद तक सही रणनीति के जरिए भारत कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाने में सफल हो सकता था द्य किन्तु भारत सरकार के निराशाजन रवैया के कारण कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण पर रोक नही लगाया जा सका द्य इस समय जब की जरूरत है ए विभिन्न स्वय सेवी संस्था को आगे लाने के ए शिक्षाविद्दो के ज्ञान एवं कौशल का उपयोग करने की द्य हालाँकि बहुत से स्वय सेवी संगठन स्वयं ही कोरोना महामारी से प्रभावित लोगो तक बुनियादी संसाधन पहुंचाने में लगे हुए है द्य किन्तु भारत का सबसे बड़ा स्वय सेवी संगठन आरएसएस की भूमिका इनमे नदारद प्रतिक हो रही है द्य जबकि इस समय जरूरत है द्य सभी नागरिक समूहों को आगे आने के ताकि इस विषाणु जनित समस्या को जड़ से ख़त्म किया जा सके ;

लेखक का परिचय .
शिव कुमार खरवार रू वर्ष 2016 में शिव कुमार खरवार ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ए वाराणसी से राजनीति विज्ञान विषय ; ीवदेण्द्ध से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है तथापि वर्ष 2018 में शिव कुमार खरवार ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान से परास्नातक की डिग्री प्राप्त की है द्य वर्तमान समय में शिव कुमार खरवार ए बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी ए लखनऊ के राजनीति विज्ञान विभाग से शोध कार्य रहे है द्य इस दौरान एक से अधिक पुस्तको में अध्याय प्रकाशित करा चुके है तथापि अंतराष्ट्रीय जर्नल में भी इनके लेख प्रकाशित किये जा चुके है ;
लेखक शिव कुमार खरवार एसएम न्यूज़24टाइम्स 8115546352

 

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