पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की जयन्ती आयोजित

सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी

बाराबंकी। स्व. अटल बिहारी बाजपेयी भारतीय राजनीति के ऋषि थे। उनकी लोकप्रियता कभी किसी सीमा की मोहताज नही रही। देश और विदेश की बात तो दूर रही, दुश्मन देश में भी उस लोकप्रियता का कोई मुकाबला नही था। राजनीति में रहते हुए भी इतना सुलभ, सरल और सहज रह पाना उनके ही जीवन शिल्प का हिस्सा था। 
यह बात गांधी भवन में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की जयन्ती पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कही। इस दौरान गांधी भवन में स्व. अटल बिहारी बाजपेयी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने बताया कि अटल जी से मेरे निजी रिश्ते थे। आपातकाल से पहले एक सत्याग्रह में नैनी कारागार में बंदी रहते हुए मेरी उनकी मुलाकात हुई। उस मुलाकात के बाद अटल जी से जब भी मेरी मुलाकात हुए वह बड़ी आत्मीयता से मिले थे। चाहे वह वरिष्ठ पत्रकार स्व. खुर्शीद कामिल किदवई के घर रोजा इफ्तार रहा हो या फिर साहित्यकार स्व. मनु शर्मा की पुस्तक ‘कृष्ण की आत्मकथा’ का विमोचन। हर मुलाकात अपने चिर परिचित अंदाज में मिलते थे। उनकी हाजिर जवाबी गुदगुदाती थी। बांध लेती थी। जो एक बार उनसे मिलता था, उनका होकर रह जाता था। वे रिश्ते कमाते थे।
वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. सी.एम मिश्रा ने कहा कि अटल जी अपने सिद्धांतों पर अड़िग रहना और फिर भी कटु न होना, द्वेष न पालना, प्रतिद्वंदिता के युद्ध न करना, ये सब उनकी ही विरासत के अवशेष हैं। जो उनके बाद अब दुर्लभ हो चले हैं। अटल जी मानवीय सम्बन्धों का अर्जन करते थे। इन नातों का कोई ओर छोर नही था। जितने अपनी विचारधारा के संगी साथ थे, उतने ही गैर सोच वाले भी हमराह थे। अटल जी अपने आप मे एक विलक्षण राजनीतिक संस्कृति थे। ऐसी संस्कृति समय के पटल पर हमेशा अविस्मरणीय रहेगी।
इस मौके पर प्रमुख रूप से समीर सिंह, मृत्युंजय शर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, संतोष शुक्ला, विनय कुमार सिंह, सत्यवान वर्मा, मनीष सिंह, रवि प्रताप सिंह, पी.के सिंह, कन्हैया लाल जायसवाल, राममनोहर, अशोक जायसवाल, उदय प्रताप सिंह, दिनेश मोगिया, वरिष्ठ अधिवक्ता सरदार राजा सिंह, संजय सिंह, वीरेन्द्र सिंह ’शमशेरा’, विजय कुमार सिंह, रोहिताश्व दीक्षित, अश्वनी शर्मा, रंजय शर्मा, ज्ञान शंकर तिवारी, प्रहलाद यादव, साकेत मौर्या सहित कई लोग मौजूद रहे। सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी 
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