सरकारी नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा, सचिवालय में लेते थे इंटरव्यू

एसएम न्यूज़24टाइम्स नेटवर्क 9889789714

देहरादून। उत्तराखंड के विभिन्न सरकारी विभागों मे नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर करोड़ो रुपये हड़पने वाले गिरोह का पटेलनगर पुलिस ने खुलासा किया है। गिरोह के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश चल रही है। गिरोह ने अलग-अलग व्यक्तियों से धोखाधड़ी कर बड़े स्तर पर करोड़ो रुपये लिए। गिरोह के सदस्य खुद को सचिवालय में बड़ा अधिकारी बताकर धोखाधड़ी करते थे। आवेदकों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे। पिछले दिनों सचिवालय इंटरव्यू कराकर नौकरी फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ शुरू की थी।

प्रभारी सीओ एएसपी हिमांशु वर्मा ने खुलासा करते हुए बताया कि 16 अक्तूबर 2021 को मनीष कुमार निवासी मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश ने कोतवाली पटेलनगर में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि कमल किशोर पाण्डेय, मनोज नेगी, चेतन पाण्डेय, ललित बिष्ट द्वारा उत्तराखण्ड के सरकारी विभाग मे नौकरी दिलाने का झांसा देकर कुल 62 लाख रुपये की धनराशि हड़पी गई। कमल किशोर पाण्डेय द्वारा प्रशासनिक अधिकारी और ललित बिष्ट द्वारा सचिवालय में सचिव के पद पर और मनोज नेगी द्वारा खुद को अपर सचिव के पद पर नियुक्त बताया गया। इसकी विवेचना दरोगा देवेन्द्र कुमार गुप्ता ने की।

देवस्थानम उच्चस्तरीय समिति में नौ सदस्य नामित

ग्राफिक एरा में विंड इंजीनियरिंग पर मंथन प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए डीआईजी जनमेजय खंडूरी द्वारा घटना का शीघ्र अनावरण करने के निर्देश जारी किये गए। पुलिस अक्षीक्षक नगर एवं सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी सदर के निकट पर्यवेक्षण मे प्रभारी निरीक्षक कोतवाली पटेलनगर देहरादून द्वारा स्वंय के नेतृत्व मे अलग-अलग पुलिस टीम गठित की गई। पुलिस टीम द्वारा वादी व अन्य पीड़ित व्यक्तियों से गहनता से पूछताछ की गई। मोबाइल नम्बरों की कॉल डिटेल प्राप्त की गई। बैंक डिटेल निकाली गई। खातों में लाखों का लेनदेन मिला। पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने पर मुखबिर तन्त्र मजबूत करते हुए आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी गई। अभियुक्त लगातार फरार होना पाये गये एवं मोबाइल फोन स्विच आफ होना पाये जाने पर पुलिस टीम द्वारा कड़ी मेहनत कर अभियुक्त गणों के परिचितों, परिजनों, दोस्तों और अन्य व्यक्तियों से जानकारी प्राप्त की गई।

30 अक्तूबर को गिरोह के सरगना मुख्य आरोपी कमल किशोर पाण्डेय को त्यागी रोड संगम होटल के पास से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त से गहनता से पूछताछ करने पर उसके व उसके अन्य सदस्यों द्वारा सचिवालय में अपने आप को बड़ा अधिकारी बताकर कई व्यक्तियों से उत्तराखण्ड के विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये लेना स्वीकार किया गया। आरोपी कमल किशोर पाण्डेय द्वारा आवेदकों को इण्टरव्यू के लिए सचिवालय और विधानसभा ले जाना एवं आवेदकों को फर्जी नियुक्ति पत्र देना स्वीकार किया गया। अभियुक्त को न्यायालय में पेश किया जा रहा है। सचिवालय और विधानसभा के अन्य लोगों की भी संलिप्तता होने की सम्भावना है। आरोपी ललित बिष्ट और मनोज नेगी फरार हैं। पुलिस टीम में कोतवाली पटेलनगर के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राणा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक कुन्दन राम, एसआई देवेन्द्र कुमार गुप्ता आदि शामिल रहे।

Don`t copy text!