योगी जी! बाराबंकी के भाजपा विधायक अयोग्य हैं क्या?

कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)

प्रदेश सरकार में बाराबंकी से एक भी मंत्री नहीं, क्या भाजपा ने नौसिखियो को बना दिया विधायक!

पूर्व की सपा एवं बसपा सरकारों में जिले को हमेशा मिला सरकार में हिस्सा।

बिना कसूर के बाराबंकी के अरमानों का जारी है कत्ल?

बाराबंकी। राजधानी बिल्कुल सटा जिला बाराबंकी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बार-बार एक सवाल पूछ रहा है! योगी जी क्या बाराबंकी में सब के सब भाजपा विधायक अयोग्य हैं? किसी में भी मंत्री बनने की योग्यता नहीं! तभी तो प्रदेश की सरकार में यहां का कोई विधायक मंत्री न बन सका ।जबकि पूर्व की सपा व बसपा सरकारों में हमेशा यहां 2 से 3 तक मंत्रियों की ताजपोशी होती रही। ऐसा कौन सा कसूर है कि बाराबंकी के अरमानों का प्रदेश की भाजपा सरकार में बार-बार कत्ल दर कत्ल किया जा रहा है?

प्रदेश में भाजपा की सरकार को बने अरसा हो गया है। लेकिन आज तक बाराबंकी यह उत्तर नहीं पा सका कि जिले के किसी भी भाजपा विधायक को इस सरकार में मंत्री क्यों नहीं बनाया गया? ऐसा सवाल इसलिए भी लाजमी है क्योंकि प्रदेश के ऐसे कई जनपद हैं जहां पर एक नहीं बल्कि तीन-तीन मंत्री ताजपोषित हैं। ऐसे में जिले के वर्तमान में 4 विधायकों में से किसी को मंत्री ना बनाना कहीं न कहीं चकित तो जरूर करता है! वैसे संपन्न विधानसभा चुनावों के बाद जब परिणाम आया था तब भाजपा ने यहां 6 में से 5 सीटों पर जीत का झंडा लहराया था। जैदपुर के भाजपा विधायक उपेंद्र रावत के सांसद बनने के बाद यह सीट भाजपा से छिटक कर सपा के खाते में चली गई। ऐसे में अब शेष बचे चार विधायकों में से क्या एक भी ऐसा विधायक नहीं है कि उसे योगी सरकार में मंत्री बनाया जा सके। ऐसे सवाल जनपद के गली कूचे में सियासी चर्चा के दौरान उछलते हैं। तब कहीं ना कहीं भाजपा नेतृत्व एवं प्रदेश की योगी सरकार सवाल के घेरे में खड़ी नजर आती है।

राजनीतिक चर्चा के मुताबिक भाजपा के विधायकों में एक पूर्व मंत्री बैजनाथ रावत भी हैं तो वही पूरे अयोध्या मंडल में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले दरियाबाद के विधायक सतीश शर्मा भी हैं। शेष राम नगर एवं फतेहपुर के विधायक भी अपने इलाकों में काम करने में व्यस्त हैं। ऐसा नहीं है कि यहां भाजपा का संगठन काम करने में पीछे रहा।यदि लोकसभा चुनाव की बात करें तो मोदी सरकार जब पहली बार बनी तो उस समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रियंका रावत को सांसद बनाया ।उसके बाद जब उपेंद्र रावत को टिकट मिला तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें भी सांसद बनाया। जैदपुर में जो भाजपा उपचुनाव हारी वह अति आत्मविश्वास व गुटबाजी के चलते हारी? इस मुद्दे पर यह भी कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि बाराबंकी ने भाजपा नेतृत्व के द्वारा जिले की अनदेखी का जवाब भाजपा को जैदपुर में हराकर दे दिया।

राजनीतिक हैसियत कि यदि बात की जाए तो बाराबंकी में भले ही आज भाजपा के चार विधायक हो लेकिन सत्ता का केंद्र यहां नजर नहीं आता! जो लोग टिकट पाने से वंचित रह गए अथवा जो भाजपा में पूर्व की पदवी पर हैं वह जरूर खुश होंगे कि भाजपा का कोई भी विधायक मंत्री नहीं बनाया गया? लेकिन बाराबंकी की जनता एवं भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता इस बात से हतप्रभ जरूर है कि योगी सरकार की नजर में जनपद का एक भी विधायक मंत्री बनने के लायक नहीं है! यही नहीं जनता सवाल यह भी कर देती है कि जब भाजपा जिले में मंत्री लायक एक विधायक नहीं खोज सकी तब फिर उसने ऐसे लोगों को टिकट ही क्यों दिया?

पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार रही हो या फिर बहुजन समाज पार्टी की सरकार ।इन सरकारों में हमेशा जिले से दो अथवा तीन मंत्री जरूर बनाए गए। यही नहीं एक समय का समाजवादी दुर्ग कहा जाने वाला बाराबंकी कांग्रेस की सरकारों में भी मंत्री पद पाकर निहाल रहा है। ऐसे में भाजपा की सरकार में एक भी मंत्री पद बाराबंकी को ना मिलना कहीं न कहीं साफ दर्शाता है कि भाजपा संगठन में बैठे लोग बाराबंकी को कितनी उपेक्षित नजर से देखते हैं? प्रदेश सरकार बनी तब बाराबंकी आशावान था। उसके बाद जब मंत्रिपरिषद का विस्तार हुआ तब बाराबंकी इस चाह में था कि शायद उसे एक मंत्री पद इस बार मिल जाए पर ऐसा कुछ ना हो सक।

सूत्रों के मुताबिक मंत्री बनने की चाहत में कई भाजपा विधायकों ने स्वयं अपने तथा अपने समर्थकों के नए कुर्ते पजामे भी सिलवा डाले थे? हाय री किस्मत भाजपा नेतृत्व को बाराबंकी दिखाई ही नहीं दिया? वर्तमान में स्थितियां यह है कि भाजपा विधायक अपनी अपनी विधायकी कर रहे हैं। सत्ता किंग का आभामंडल में कहीं नजर नहीं आता। अधिकारी स्वयं में सत्ता के शक्ति केंद्र बने हुए हैं। जिसका खामियाजा बाराबंकी की जनता भोग रही है। भाजपा नेतृत्व ने यहां पर अपने एक विधायक को भी राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया। बाराबंकी का सवाल भी यही है?योगी जी बाराबंकी में मंत्री बनने लायक क्या भाजपा का कोई विधायक नहीं है? यदि कोई मंत्री बनने लायक भाजपा विधायक ही नहीं है तो ऐसे लोगों को टिकट देकर भाजपा ने उन्हें विधायक क्यो बना दिया ?इसका जवाब तो बाराबंकी को मिलना ही चाहिए! सवाल भी है कि आखिर योगी जी की सरकार में बाराबंकी के अरमानों का कत्ल किस कसूर अथवा साजिश के चलते बार-बार किया जाना जारी है?कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)

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