यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के महासचिव ने शहीद दिवस के अवसर पर अपने भाषण में इस्लामी जगत पर वर्चस्व के लिए विश्व साम्राज्यवादियों और उनमें सर्वोपरि अमरीका के प्रयासों की ओर से सचेत किया और कहा कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात, अमरीका और इस्राईल के हाथों के खिलौने हैं।
यमन में अंसारुल्लाह आंदोलन के पूर्व नेता हुसैन बदरुद्दीन अलहूसी की शहादत के दिन को शहीद दिवस का नाम दिया गया है। यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के महासचिव सैयद अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अलहूसी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यमन सहित मुस्लिम देशों के तानाशाहों ने देश के प्राकृतिक स्रोतों और संपत्तियों की जमकर लूटपाट की।
उन्होंने यह बयान करते हुए कि पवित्र क़ुरआन ने मुसलमानों को प्रतिरोध और डटे रहने का निमंत्रण दिया है, कहा कि अमरीका ने पवित्र क़ुरआन के विरुद्ध अपनी नीतियां अपना रखी हैं। उनका कहना था कि सीरिया और इराक़ की स्थिति, लेबनान के हिज़्बुल्लाह से दुश्मनी, फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के विरुद्ध षड्यंत्र और फ़िलिस्तीन में प्रतिरोधक आंदोलन के विरुद्ध नकारात्मक नीति अपनाना, क्षेत्र में अमरीका की शत्रुतापूर्ण नीतियों का एक नमूना है।
यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के महासचिव सैयद अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अलहूसी ने कहा कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात, अमरीकी हाथों के खिलौने के अतिरिक्त कुछ नहीं हैं, कहा कि सऊदी अरब की नज़र में फ़िलिस्तीन की स्वतंत्रता के लिए प्रयास और इस्राईल से दुश्मनी, कभी न माफ़ किया जानाे वाला अपराध है।उन्होंने कहा कि यमन पर सऊदी गठबंधन का हमला भी इसी लक्ष्य के लिए हुआ है ताकि यमन की जनता इन दोनों देशों के वर्चस्व में रहकर अमरीकी व्यवस्था के अधीन रहें।
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