मानव को अपना जीवन सुधारने के लिए भगवत सेवा में ही लीन रहना चाहिए।

अवधेश कुमार वर्मा संवाददाता बाराबंकी

मसौली बाराबंकी । मनुष्य भगवान को छोड़कर माया की ओर दौड़ता है। ऐसे में वह बंधन में आ जाता है। मानव को अपना जीवन सुधारने के लिए भगवत सेवा में ही लीन रहना चाहिए। यह बात कथा के दौरान कथावाचिका प्रीती ने कही।
मसौली कस्बा के शिव मंदिर पर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्री कृष्ण जन्म का वर्णन किया गया। कथावाचिका प्रीती ने कहा कंस के अत्याचारों को खत्म करने के लिए श्री कृष्ण ने जन्म का प्रसंग सुनाया।उन्होंने कहा कि कारागार में उनका जन्म हुआ और वासुदेव उन्हें गोकुल में नंदबाबा के यहां छोड़ कर आए। जब गोकुलवासियों को पता चला कि मैया यशोदा और नंदबाबा के यहां कन्हैया का जन्म हुआ है वैसे ही पूरा पंडाल नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की के जयकारों रझ गूंज उठा। और पूरे ग्राम में उत्सव का वातावरण छा गया। गांव में बधाई गीत गाए जाने लगे और लोग उन्हें बधाई देने आने लगे।

कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कृष्ण की बाल लीलाओं का भी वर्णन किया और बताया कि उन्हें दूसरों के घर से माखन चुराकर खाना बेहद पंसद था। अपने घर में माखन होने के बाद भी दूसरे के यहां से माखन चुराकर खाने की शिकायत मिलने पर यशोदा मैया श्री कृष्ण से बहुत नाराज होती थीं। इसके अलावा वह गोपियों की मटकी भी फोड़ दिया करते थे तब गोपियां उनसे शिकायत करने आती थीं। कथा के मध्य में उन्होंने बधाई गीत गाए, जिसे सुनकर भक्त आनंदित हो उठे। इस दौरान कृष्ण की झांकियां भी निकाली गईं। भगवान श्रीकृष्ण की झांकी निकलते ही पंड़ाल में बैठी महिलाए व भक्त गढ़ों ने खूब फूलों की वर्षों की जिससे पंडाल का वातावरण गूंजमय हो उठा।इस मौके पर बहादुर नाग फूलमती नाग सन्तोष नाग रामसेवक यादव सतीष सोनी रमेश मिश्रा शिवलाल कश्यप टिल्लू सोनी मौजूद रहे।

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