ध्रुव चरित्र में भगवान ने भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर अटल पदवी देने का वर्णन किया।

अवधेश कुमार वर्मा संवाददाता एसएम न्युज24 टाइम्स बाराबंकी

मसौली बाराबंकी। विकास खण्ड मसौली की ग्राम सिसवारा स्थित दिगंबरनाथ मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक राम हेत यादव ने ध्रुव चरित्र और सती चरित्र का प्रसंग सुनाया। ध्रुव चरित्र में भगवान ने भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर अटल पदवी देने का वर्णन किया।
श्रीमद्भागवत कथा में सोमवार को कथा वाचक राम हेत यादव ने कहा कि भगवान शिव की अनुमति लिए बिना उमा अपने पिता दक्ष के यहां आयोजित यज्ञ में पहुंच गईं। यज्ञ में भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिए जाने से कुपित होकर सती ने यज्ञ कुंड में आहुति देकर शरीर त्याग दिया। इससे नाराज शिव के गणों ने राजा दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर दिया। इसलिए जहां सम्मान न मिले वहां कदापि नही जाना चाहिए। ध्रुव कथा प्रसंग में बताया कि सौतेली मां से अपमानित होकर बालक ध्रुव कठोर तपस्या के लिए जंगल को चल पड़े। बारिश, आंधी-तूफान के बावजूद तपस्या से न डिगने पर भगवान प्रगट हुए और उन्हें अटल पदवी प्रदान की। ऋषभ देव ने कथा सुनाते हुए कहा कि वह अपने पुत्रों को गोविंद का भजन करने का उपदेश देकर तपस्या को वन चले गए। भरत को हिरनी के बच्चे से अत्यंत मोह हो गया। नतीजे में उन्हें मृग योनि में जन्म लेना पड़ा।
कथा सुनने के लिए आयोजक ओमकार यादव, राकेश कुमार, किशोरीलाल वर्मा, रामसमुझ यादव, प्रदीप कुमार यादव, ज्ञानसिंह, अजय कुमार, अमरेश यादव, अवधेश कुमार लाइन मैन, भानुप्रताप रावत, आकाश वर्मा, ओमप्रकाश सहित आसपास के तमाम भक्त मौजूद रहे।अवधेश कुमार वर्मा संवाददाता एसएम न्युज24 टाइम्स बाराबंकी

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