कसकर पेटिकोट बांधने वाली महिला को हो सकता है त्वचा कैंसर!
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नई दिल्ली । पेटिकोट कसकर पहनने वाली महिला को त्वचा कैंसर हो सकता है। ऐसी ही कैंसर से पीड़ित दो महिलाओं का इलाज करने के बाद डॉक्टरों ने चेतावनी जारी की है। वर्धा में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और बिहार में मधुबनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि पारंपरिक रूप से साड़ी के नीचे पहने जाने वाले अंडरस्कर्ट (पेटिकोट) की कमर की डोरी को कसकर बांधने से त्वचा में छाले हो सकते हैं और कुछ मामलों में, त्वचा कैंसर भी हो सकता है। इस घटना को पहले साड़ी कैंसर के रूप में वर्णित किया गया था, लेकिन कमर की डोरी का कसा होना ही इसके लिए जिम्मेदार है। डॉक्टरों ने अब इसे पेटिकोट कैंसर करार दिया। पहले मामले में, 70 वर्षीय महिला ने अपने दाहिने हिस्से पर एक दर्दनाक त्वचा अल्सर के कारण चिकित्सा सहायता मांगी जो उसे 18 महीनों से था और जो ठीक नहीं हो रहा था। आस-पास के क्षेत्र की त्वचा ने अपना रंग खो दिया था। उसने अपनी नौवारी साड़ी के नीचे अपना पेटीकोट पहना था जो उसकी कमर के चारों ओर कसकर बंधा हुआ था। जांच में पता चला कि महिला को मार्जोलिन अल्सर था, जिसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (अल्सर करने वाला त्वचा कैंसर) भी कहा जाता है। 60 के दशक के उत्तरार्ध में एक अन्य महिला ने अपने दाहिने हिस्से पर एक अल्सर के लिए डॉक्टरों से परामर्श किया जो दो साल तक ठीक नहीं हुआ। 40 वर्षों से वह रोजाना एक पारंपरिक लुग्डा साड़ी पहनती आ रही है जिसे अंडरस्कर्ट के बिना कमर के चारों ओर बहुत कसकर बांधा जाता है। बायोप्सी के नमूने से पता चला कि उसे भी मार्जोलिन अल्सर था। जब उसका निदान किया गया तो कैंसर पहले से ही उसके कमर के लिम्फ नोड्स में से एक में फैल चुका था। मार्जोलिन अल्सर दुर्लभ लेकिन आक्रामक है। डॉक्टरों ने बताया कि यह पुराने जलने के घावों, ठीक न होने वाले घावों, पैरों के अल्सर, त्वचा पर होने वाले क्षय रोग के गांठों और टीकाकरण तथा सांप के काटने के निशानों में विकसित होता है। डॉक्टरों ने कहा कि हालांकि पुराने अल्सर या घावों के घातक बनने का सटीक तंत्र अज्ञात है, लेकिन हर त्वचा संबंधी घाव जो लगातार उत्तेजित (दीर्घकालिक सूजन वाला) होता है, उसमें घातक परिवर्तन विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। उन्होंने कहा- कमर पर लगातार दबाव अक्सर त्वचा के शोष की ओर ले जाता है, जो अंततः क्षरण या अल्सर का रूप ले लेता है। विशेषज्ञों ने कहा कि यह अल्सर अक्सर तंग कपड़ों के लगातार दबाव के कारण पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। एक पुराना, ठीक न होने वाला घाव बन जाता है, जिसमें घातक परिवर्तन हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ त्वचा पर दबाव कम करने के लिए साड़ी के नीचे एक ढीला पेटीकोट पहनने की सलाह देते हैं और त्वचा संबंधी समस्या होने पर उस क्षेत्र को ठीक होने देने के लिए ढीले कपड़े पहनने की सलाह देते हैं। हालांकि ये बात भी साफ की गई है कि साड़ी पहनने से हर किसी को कैंसर नहीं होता है कुछ गलतियों के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है।समाचार एजेंसी न्युज एसएम न्युज24 टाइम्स सुपर फास्ट मिडिया के साथ