एक मुश्त शुल्क जमा करने हेतु बाध्य न किया जाये: डीएम

शमीम अंसारी बाराबंकी: एसएम न्यूज24टाइम्स

बाराबंकी। जिलाधिकारी डाॅ. आदर्श सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि संज्ञान में आया है कि कुछ विद्यालयों के प्रबन्ध तंत्र द्वारा छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस पहनकर आनलाइन शिक्षा ग्रहण करने एवं अभिभावकों को पाठ्य-पुस्तकें निर्धारित दुकानों से क्रय करने हेतु बाध्य किया जा रहा है एवं छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से एक मुश्त शुल्क जमा करने हेतु कहा जा रहा है, तथा शुल्क जमा न होने की स्थिति में आनलाइन पठन-पाठन से पृथक करने एवं नाम काट देने की बात कही जा रही है, यह स्थिति  अत्यन्त खेदजनक है। उन्होंने बताया कि शासनादेश में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि ऐसे अभिभावक जो नियमित रूप से वेतन प्राप्त कर रहे है एवं ऐसे अभिभावक जो मासिक शुल्क जमा करने का सामथ्र्य रखते हो, यथा सार्वजनिक उपक्रम एवं अन्य अभिभावक जो इनकम टैक्स देते हो, के द्वारा मासिक शुल्क नियमानुसार प्राथमिकता के आधार पर जमा करने की कार्यवाही की जाये। साथ ही इसके अतिरिक्त लाॅकडाउन के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों, आर्थिक कठिनाईयों के दृष्टिगत जो अभिभावक शुल्क जमा करने में अपने आपको असमर्थ पाते है उनके द्वारा शुल्क जमा न किए जाने के कारणों, परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए इस आशय का एक लिखित प्रार्थना पत्र सम्बन्धित विद्यालय के प्रबन्धक, प्रधानाचार्य के समक्ष प्रस्तुत किया किया जाये तथा प्रार्थना पत्र पर सकारात्मक रूप से विचार करते हुए आसान किश्तों में शुल्क लिया जाये। परन्तु यदि तब भी किसी अभिभावक द्वारा शुल्क जमा नहीं किया जाता है तो उस छात्र को आॅनलाइन पठन-पाठन से वंचित न किया जाये और न ही इस आधार पर किसी छात्र का नाम विद्यालय से काटा जाये। उन्होंने निर्देश दिया है कि किसी भी छात्र-छात्रओं एवं अभिभावकों को निर्धारित दुकानों से पाठ्य-पुस्तकंे, यूनीफार्म, बैग आदि क्रय करने एवं एक मुश्त शुल्क जमा करने हेतु बाध्य न किया जाये, न ही स्कूल ड्रेस पहनकर आनलाइन शिक्षा-ग्रहण करने हेतु विवश किया जाये। यदि ऐसा किया जाता है, तो नियमानुसार संबंधित स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी, जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व स्कूल प्रबंधन का होगा।

शमीम अंसारी बाराबंकी: एसएम न्यूज24टाइम्स

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