बिजली विभाग की गलती का खामियाजा भुगत रहा है वृद्ध -लोकप्रिय मुख्यमंत्री पोर्टल का मजाक उड़ा रहा है बिजली विभाग -न्यायालय के आदेश को भी नही मान रहा है विभाग। -आत्मनिर्भर को भिखारी बना रहा है बिजली विभाग -संवैधानिक अधिकारों का किया जा रहा हनन। -बिना बिजली के कई वर्ष से गुजार रहा है पीड़ित अपना जीवन। -पीड़ित कनेक्शन चालू न होने तक जारी रखेगा संघर्ष।

अब्दुल मुईद सिटी रिपोर्टर एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स

-विद्युत विभाग का काला कारनामा-प्रथम किस्त………शेष अगले अंक में।

बाराबंकी। बिजली विभाग की हठधार्मिता का अंदाजा आप यहां से लगा सकते हैं कि न्यायालय के आदेश के बावजूद भी पीड़ित का कनेक्शन नहीं चालू किया जा रहा है, लगातार लोकप्रिय मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद भी भ्रामक व फर्जी रिपोर्ट लगाकर किया जा रहा शासन व प्रशासन को गुमराह। प्रदेश के मुख्यमंत्री के पोर्टल की हवा निकाल रहे हैं बिजली विभाग के अधिकारी। भ्रामक रिपोर्ट में कहा जाता है कि एक सप्ताह में संशोधित बिल उपभोक्ता को दे दिया जायेगा किन्तु फिर भी हीलाहवाली करते हुए मोटी रकम की वसूली के चक्कर में किया जा रहा है हैरान परेशान, पीड़ित का दावा कि विभाग के अधिकारी अपने बचाव के लिए भेजवा सकते हैं जेल। विभाग ने जारी किया कथित नोटिस, विभाग की गलती का खामियाजा भुगत रहा है पीड़ित। भीषण गर्मी व जाड़े में लगभग चार वर्षों से बिता रहा है अपना जीवन। एक तरफ प्रधानमंत्रीव मुख्यमंत्री द्वारा बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनने के प्रेरित किया जा रहा है वहीं बिजली विभाग द्वारा व्यापारियों को आत्मनिर्भर से भिखारी बनाया जा रहा है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार देवा रोड स्थित एकता ढाबा का विद्युत कनेक्शन 15 जनवरी 2013 को विद्युत वितरण खण्ड बाराबंकी द्वारा किया गया था लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण 15 दिसम्बर 2015 तक लेजर में इण्ट्री न होने के कारण 3 वर्षों में न तो कोई रीडिंग ली गई और न ही कोई बिल भेजा गया और साथ ही 2015 में हाईटेंशन लाइन गिरने के कारण पीड़ित का मीटर फुंकने के साथ ही पीड़ित के तमाम उपकरण जल गये। पीड़ित को एक बिल 18 दिसम्बर 2016 को दिया गया। जिस पर अभियंता द्वारा लिखा गया कि 17.12.2016 को उपभोक्ता नहीं मिला इसलिए बिल नहीं दिया जा सका और पोल से कनेक्शन खोल दिया गया। उक्त बिल पर अंकित धनराशि देखकर पीड़ित का ब्लडप्रेशर हाई हो गया और पीड़ित ने दूसरे दिन अधिशाषी अभियंता घोसियाना, बाराबंकी से मिलकर बिल का संशोधन करने को कहा तो अधिशाषी अभियंता ने कहा कि मैं आपका बिल नहीं सही करूंगा आपकी आर0सी0 कटवा दूंगा। जिससे घबराकर दिनांक 15.02.2017 को न्यायालय श्रीमान लोक अदालत बाराबंकी में वाद दायर किया। न्यायालय द्वारा नोटिस भेजे जाने के बावजूद भी विभाग द्वारा कोई उपस्थित नहीं हुआ और वाद एक्स पार्टी हो गया। बाद में विभाग के प्रार्थना पत्र देने पर न्यायालय द्वारा 300 रूपये अर्थदण्ड जमा करने पर सुनवाई की अनुमति प्रदान की किन्तु अर्थदण्ड का भुगतान नहीं किया गया समय बीत जाने के बाद विद्युत विभाग ने जवाबदावा जमा करने के लिए पुनः अवसर मांगा जिस पर न्यायालय श्रीमान ने 500 रूपया अर्थदण्ड लगाते हुए आदेश दिया कि यदि 500 रूपया अर्थदण्ड नहीं जमा किया गया तो यह आदेश स्वतः निरस्त माना जायेगा। विभाग द्वारा अर्थदण्ड जमा न करने पर न्यायालय श्रीमान ने निर्णय की तिथि निश्चित कर दी इसके बावजूद विभाग ने न्यायालय की बिना अनुमति के न्यायालयल फाइल में जवाब दावा नत्थी करवा दिया। जिसका जिक्र न्यायालय श्रीमान ने अपने आदेश में किया है। ंयह निर्णय दिनांक 26.06.2018 को हुआ कि पीड़ित को 8580 रूपया विभाग भुगतान करे क्योंकि विभाग की लापरवाही से पीड़ित के उपकरण जले हैं तथा विभाग द्वारा जो बिल दिया गया है वह विधिक रूप से अमान्य है। अतः विभाग प्रतिवर्ष के हिसाब से पीड़ित का बिल बनाकर पीड़ित को दे ताकि 2 माह के अंदर उपभोक्ता बिल का भुगतान कर सके। दिनांक 26.06.2018 से आज दिनांक 23.08.2020 तक विभाग द्वारा न तो पीड़ित को क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया और न पीड़ित को सही बिल बनाकर दिया गया। पीड़ित का व्यवसाय व आवास भी एक ही स्थान पर है इसलिए पीड़ित ने कामर्शिल कनेक्शन करवा था ताकि विभाग द्वारा नाहक परेशान न किया जाये। पीड़ित उक्त बिजली को अपने आवासीय प्रयोग में भी लेता था। 17.12.2016 से लाइट कट जाने के कारण पीड़ित का व्यापार भी चैपट पड़ा हुआ है और पीड़ित का व्यक्तिगत जीवन भी दुलर्भ हैं और पीड़ित के संवैधानिक अधिकारों का हनन बिजली विभाग द्वारा किया जा रहा है।
उक्त निर्णय के क्रियान्वयन के लिए पीड़ित ने दिनांक 04.02.2020 व 20.02.2020 को 1912 पर शिकायत की किन्तु कोई कार्यवाही न होने पर पीड़ित ने जरिये मुख्यमंत्री पोर्टल- पर दिनांक 13.06.2020 को आई0जी0आर0एस0 40017620018319 पर शिकायत दर्ज कराई। जिस पर अधिशाषी अभियंता द्वारा अपनी रिपोर्ट दिनांकित 30.06.2020 में कहा गया कि एक सप्ताह में उपरोक्त बिल संशोधित कराकर दे दिया जायेगा। उसके बाद एक माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की है। विभाग के एक अधिकारी भट्टाचार्या के मोबाइल 9450193006 से फोन आया और पीड़ित को बताया कि आप अपनी फाइल हमको दे दो, क्योंकि विभाग के पास कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है, हम जल्द ही कार्यवाही करेंगे। उसके बाद दिनांक 09.07.2020 को एक कथित नोटिस पत्रांक संख्या-838/3189 को भेजा गया जिसमें कथित बकाया धनराशि 143122.12 रूपया का नोटिस भेजकर पीड़ित को भयभीत किया जा रहा ताकि पीड़ित कोई अग्रिम कार्यवाही न करें, पीड़ित को डर है कि विभाग उक्त नोटिस को आधार बनाकर पीड़ित की आर0सी0 काटकर जेल भेजवा सकता है। पीड़ित ने उसके बाद दिनांक 25.07.2020 को फिर आई0जी0आर0एस0 संख्या-40017620024396 पर शिकायत दर्ज कराई गई किन्तु उक्त शिकायत पर आज तक विभाग द्वारा न रिपोर्ट लगाई गई और न ही कोई कार्यवाही की गई। इस तरह से विभाग अपने आपको बचाने के लिए पीड़ित को ही बलि का बकरा बना रहा है। बिजली विभाग जब एक बुजुर्ग को इतना हैरान व परेशान कर सकती है तो आम जनता का तो खून ही चूस लेता होगा है, कई घाघ विभाग में हैं जो मोटी रकम की गरज इस तरह के कार्य किया करते हैं जिससे जनता बिजली विभाग से काफी डरी व सहमी रहती है। इस सम्बंध में बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भट्टाचार्या से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कागजात की खोजबीन की जा रही है, बहुत पुराना मामला है पहले सब कार्य इसी तरह होते थे अब सब कम्प्युटराइज्ड कार्य होते हैं इसलिए समय लग रहा है। जल्द ही उपभोक्ता को संशोधित बिल दे दिया जायेगा।
अब देखना है कि विभाग एक वृद्ध व्यक्ति के साथ न्याय करेगा या उसे इसी तरह वर्षों तक अपनी हठधार्मिता के कारण दौड़ता रहेगा और पीड़ित को मानसिक, आर्थिक व शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाता रहेगा। यह तो आने वाला वक्त ही बताया। अगर विभाग में कोई ईमानदार अधिकारी होगा तो वह इस समस्या का जल्द समाधान करवाकर पीड़ित के मौलिक अधिकारों का हनन नही होने देगा और उसको बिजली कनेक्शन उपलब्ध करायेगा।

अब्दुल मुईद
सिटी रिपोर्टर एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स

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