हक़ पे मरने वाले के कारनामे बोलते है -मौ0 मो0 रज़ा ज़ैदपुरी हमेशा दिलों में ज़िन्दा रहेंगे क़ल्बे सादिक़
नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)
अपने मिशन को कामयाबी के रास्ते पर लगाकर चले गये क़ल्बे सादिक़ हक़ बयानी से लिया काम ना बातिल से डरे , हूबहू मीसमे तम्मार थे कल्बे सादिक़ – सरवर अली रिजवी
बाराबंकी । अपने मिशन को कामयाबी के रास्ते पर लगाकर चले गये क़ल्बे सादिक़ । मरहूम डा 0 क़ल्बे सादिक़ का मिशन जो इल्म के लिये था,आज भी जारी-सारी है । यह बात मस्जिद इममिया में मरहूम क़ल्बे सादिक़ साहब की ईसाले सवाब की मजलिस को बादे नमाज़े जुमा इमामे जमा मौलाना मोहम्मद रज़ा ज़ैद पुरी ने कही । उन्होने यह भी कहा कि हक़ पे मरने वाले के कारनामे बोलते है ।हमेशा दिलों में ज़िन्दा रहेंगे क़ल्बे सादिक़ ।इन्सान जिस चीज़ की तमन्ना करता है परवरदिगार उसे ज़रूर पूरी करता है । डा 0 क़ल्बे सादिक़ ने जिहालत और गुरबत को दूर करने में गुज़ार दी सारी ज़िन्दगी । जब नीयत खालिस होती है तो बरकत खुदा देता है ।मौलाना ने यह भी कहा ज़िन्दा रहना व मर जाना कमाल नहीं, कमाल इस बात पर है कि हम कैसे जियें कैसे हमें मरना है यह हमें तय करना है । हक़ के रास्ते पर मरने वाले ही ज़िन्दा रहते हैं । आखिर मे कर्बला वालों केमसायब पेश किये जिसे सुनकर मोमनीन रोने लगे ।मजलिस से पहले हाजी सर वर अली कर्बलाई ने इरफ़ान क़ुम्मी का कलाम पेश किया – हक़ बयानी से लिया काम ना बातिल से डरे , हूबहू मीसमे तम्मार थे कल्बे सादिक़ ।बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।नेवाज अंसारी संवाददाता एस0एम0 न्यूज 24 टाइम्स)
Related Posts