अनुबंधित बसों की लूट खसोट जारी, जनता बेहाल

संपादक मोहिनी शर्मा एडवोकेट एसएम न्युज24 टाइम्स 8564852662

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-बिना टिकट कई यात्रियों को बैठाकर विभाग को लगाया जा रहा है चूना।

बाराबंकी। जनपद में चलने वाली अनुबंधित बसों की लूट खसोट से जनता बेहाल, कन्डेक्टर मस्त, ज्यादा कमाई के चक्कर में आरक्षित सीटों पर बैठाते हैं सवारियाँ। अनुबंधित बसों मंे पत्रकारों, सांसदो, विधायकों, महिलाओं, विकलांगों के लिए आरक्षित सीट पर ज्यादातर व्यापारियों का माल रखकर लाया-ले जाया जाता है और उसके एवज में मोटी रकम वसूल की जाती है। ताजा मामला दिनांक 02.03.2021 को लखनऊ-बाराबंकी रूट पर चलने वाली बस संख्या यू0पी0 41 टी-9526 का कन्डकटर ज्यादा माल लादकर जा रहा है इस पर एक महिला पत्रकार ने सीट खाली करने को कहा तो उक्त बस का कंडक्टर ने सामान नहीं हटाया, वह महिला खड़े-खड़े सफर करने के लिए मजबूर हो गई। यह हाल जब आरक्षित सीटांे का है तो आम जनता का क्या हाल होगा यह एक विचारणीय प्रश्न है?

प्राप्त जानकारी के अनुसार यू0पी0 41 टी-9526 जो लखनऊ, बाराबंकी, रामनगर, बदोसरांय, श्री कोटवाधाम, टिकैतनगर, नियामगंज रूट पर चलने वाली बस मनमाने तरीके से सवारियां बैठाकर जनता का शोषण करती है। शहर का बस स्टैंड प्रदेश सरकार से अनुबंधित बसों के संचालन के लिए है। लेकिन प्रशासन, नपा व यातायात विभाग की अनदेखी के कारण जनता का शोषण होता है। बस चालकों व कन्डेक्टरों की मनमानी व दादागिरी के कारण उत्तर प्रदेश रोडवेज ने वाया बाराबंकी लखनऊ होकर प्रदेश के अन्य शहरों में जाने वाली बसों का संचालन ठीक से नहीं हो रहा है। अब मनमाना किराया देकर सफर करना मजबूरी बन गया है। परिवहन विभाग के मालिकाना हक व करोड़ों की जमीन पर संचालित रोडवेज बस स्टैंड अनुबंधित बसों के लिए अधिकृत है। लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या तो कम होती जा रही है। निजी बस संचालकों के लिए अलग से स्टैंड बना हुआ है। लेकिन अनुबंधित बसों में सवारियां नहीं बैठे इसके लिए रोडवेज स्टैंड पर भारी अव्यवस्था व्याप्त है। रोडवेज की बस के शेड्यूल के आगे-पीछे निजी बसें संचालित होने से कई रूट पर राजस्व कम मिलने पर रोडवेज ने बसों का संचालन बंद कर दिया।

सवारी बैठाने पर भी करते हैं दादादागिरी

बस स्टैंड पर दिनभर निजी बसों का कब्जा रहता है। लंबी दूरी की रोडवेज बसों के आगमन पर बसों के एजेंट के रूप में काम करने वाले लोग यात्रियों को कम किराए का लालच देकर बस में बैठा देते हैं। इससे रोडवेज को प्रतिदिन हजारों रुपए नुकसान भी हो रहा है। रोडवेज बस स्टैंड के आस पास से निजी बसों का संचालन नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद ऑपरेटरों की दादागिरी चल रही है।

ड्राइवर्स की मिलीभगत का खमियाजा भुगत रहे यात्री

रोडवेज की कई बसों के कंडक्टरों व ड्राइवरों की अनधिकृत ढाबा संचालकों की साठगांठ का खमियाजा बसों में सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। ड्राइवर गंदगी से पटे ढाबों पर बसें रोककर यात्रियों को दूषित खाद्य सामग्री खाने पर मजबूर करते हैं। परिवहन निगम ने प्रमुख मार्गों पर अधिकृत ढाबों का अनुबंध कर रखा है। जिन पर यात्रियों को स्वच्छ वातावरण में शुद्ध खानपान सामग्री मिलने का करार है। लेकिन रोडवेज की कई बसों के ड्राइवर व कंडक्टर मनमाने तरीके से अनधिकृत ढाबों पर बसें रोककर अपनी जेबें भर रहे हैं। रोडवेज की दो अनुबंधित बस यू0पी0 41 टी-9526 बाराबंकी वाया लखनऊ के लिए संचालित की जाती हैं। इन बसों के ड्राइवर्स ने गंदे ढाबों पर बसें रोककर यात्रियों को वहीं से नाश्ता करने के लिए बाध्य किया। इससे नाराज पैसेंजर्स ने ऐसे ढाबों की फोटो खींचकर उच्चाधिकारियों को भेजी है।

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