प्रेम में सौंप दी पूरी अमानत बदले में पूरे परिवार को मिली मौत

एसएम न्यूज़24टाइम्स नेटवर्क उत्तर प्रदेश भारत 9889789714

,बहराइच : आठ दिन पूर्व फखरपुर थाना क्षेत्र के माधौपुर एवं गजाधरपुर गांव में महिला एवं तीन बच्चों की गला काटकर हुई नृशंस हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए बहराइच पुलिस ने भले ही इस राज्यस्तरीय हत्याकांड का खुलासा कर लिया है लेकिन खुलासे के बाद हत्या के पीछे हत्यारों की जो मानसिकता सामने आई उसने समूचे मानवीय संवेदनाओं तक कि हत्या करके रख दी। जिले की पुलिस टीम ने आपसी समन्वय के साथ घटना का राजफाश किया। ग्रामीणों का आक्रोश शांत हुआ। कुछ लोग आरोपितों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की बात कह रहे हैं। कुछ लोग पुलिसिया कार्यशैली में बदलाव लाने की सलाह दे रहे हैं। खैर….सबके अपने-अपने विचार हैं, व्यक्त कर सकते हैं।

इन्हीं तीनों ने मिलकर घटना को दिया था अंजाम उतारा 4 लोगों को मौत के घाट

कहावत है कि प्रेम के आगे दुनिया की सारी खुशियां, धन-दौलत, ऐश-ओ-आराम की कोई कीमत नहीं होती लेकिन फखरपुर कांड में आरोपितों ने रुपयों के लालच में महिला को प्रेमजाल में फंसाया फिर रुपयों के हाथ में आते ही महिला को पूरे परिवार के साथ मौत के घाट उतार दिया।

फखरपुर थाना क्षेत्र के ततेहरा गांव निवासी ननकू महाराष्ट्र में सिलसिले मेहनत मजदूरी रहता था। महाराष्ट्र के ही भाने जिला के दिवा में इडली डोसा की एक दुकान में ननकू काम कर रहा था। यहीं उसकी मुलाकात 35 वर्षीय मैरी काशी कात्रायन से हो गई। मैरी काशी कात्रायन अपने पति से अलग रहती थी। दोनों साथ काम करते रहे। इसी दौरान दोनों की आंखे चार हुई और प्रेम परवान चढ़ने लगा। दोनों एक साथ रहने की कसमें खा चुके थे। लेकिन ननकू के मंसूबे तो शायद कुछ और ही थे। करीब चार महीने पहले ननकू के जिद पर मैरी काशी कात्रायन ने अपना मकान बेच डाला। 60 लाख रुपये रुपये ननकू को दे दिए। अब मैरी काशी कात्रायन ननकू पर शादी का दबाव बना रही थी जो ननकू को नामंजूर था। पहले से शादीशुदा ननकू ने मैरी काशी कात्रायन को समूचे परिवार के साथ रास्ते से हटाने की योजना बना डाली। गांव के ही सलमान खान एवं दानिश खान के साथ नौ सितंबर को ननकू मैरी काशी कात्रायन(35 वर्ष) और उसके बच्चों राजाती(11 वर्ष), जोसेफ(07 वर्ष) एवं सौंदर्या(04) को मुंबई से लेकर बहराइच चल पड़ा। मैरी काशी कात्रायन हंसी खुशी से समूची जिंदगी काटने के सपने देखते हुए सफर कर रही थी जबकि ननकू के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। सभी लोग 10 सितंबर को बहराइच पहुंचे। उसके बाद तीनों दरिंदों ने मिलकर अलग-अलग स्थानों पर तीनों बच्चों व मां का गला रेतकर नृशंस हत्या कर दी।

ऐसी नृशंस हत्याकांड को अंजाम देने वाले दरिंदों को मनुष्य कहना तो सीधे बेमानी होगी। लेकिन अदालत से जरूर निवेदन है कि ऐसे दरिंदों को शीघ्रातिशीघ्र कठोरतम सजा दे ताकि फिर कोई दरिंदा ऐसे कृत्य के विचार मात्र से कांप उठे।

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