कार्यवाही:अलीगढ़ में 600 डाक्टर व वकीलों को सीजीएसटी के नोटिस
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अलीगढ़ इन दिनों वकील व डाक्टर तनाव में हैं। इन्हें सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए थे, जबकि प्रोफेशनल जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैैं। फिर भी इन्हें सर्विस प्रोवाइडर मानते हुए आयकर रिटर्न के दौरान दर्शाई गई आय को टैक्स के दायरे में माना गया है। हालांकि, यह विभाग की ओर से बड़ी चूक है। सीए की शरण में गए इन लोगों को दस्तावेज जुटाने में पसीना छूट रहा है। विभाग ने जवाब दाखिल न करने वालों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी भी कर ली है।सीजीएसटी विभाग के मंडल मुख्यालय में एटा, कासगंज, हाथरस व अलीगढ़ रेंज हैं।अलीगढ़ में दो रेंज हैं। इन रेंजों के अधीक्षकों को थर्ड पार्टी मानते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सेंट्रल बोर्ड इनडायरेक्ट टैक्सेज कस्टम (सीबीआइसी) को दाखिल किए गए रिटर्न (आयकर व टीडीएस) से जुटाया गया डाटा उपलब्ध कराया है। यह डाटा आयकर अधिनियम 26 एएस के तहत दिया गया है। इस प्रक्रिया के तहत सेल आफ सर्विस या सेल आफ गुड्स के आधार पर कर अधीक्षक जांच करते हैं। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर व असिस्टेंट कमिश्नर अधीक्षक को नोटिस जारी करने के निर्देश देते हैं। इस नए वित्तीय वर्ष में करीब 600 डाक्टर व वकीलों को नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें अधिकांश डाक्टर हैं। इस माह के अंत तक नोटिस का जवाब नहीं दिया तो इन पर शिकंजा कसना तय है। कारण बताओ नोटिस की अनदेखी तो और भी भारी पड़ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार देय कर का 10 फीसद हिस्सा जमा करने पर ही अपील की याचिका स्वीकार की जाएगी।
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