आरएसएस कार्यकर्ता और पांच आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाने वाले एसएसपी के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई

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वैभव कृष्णा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए अभियान को कमजोर करने की साजिश,दर्ज कराया मुकदमा

लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक(RSS)का नाम लेना पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण को काफी महंगा पड़ सकता है,सज़ा के तौर पर उनकी कुर्सी भी जा सकती है, उ.प्र.में तैनात आईपीएस अफसरवैभव कृष्ण वर्तमान समय में पुलिस कप्तान गौतमबुद्ध नगर की ज़िम्मेदारी देख रहे हैं, उन्होंने ट्रेन्सफार पोस्टिंग का ठेका लेने वाले न्यूज चैनल के पाँच पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बाद उनको जेल भेज दिया था, उन आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद वैभव कृष्ण ने एक खुफिया पत्र ग्रह मंत्रालय विभाग के आलाधिकारियों को भेजा जिसमें उन्होंने आरोपी चंदन राय से हुई छानबीन और उसके मोबाईल से हुई बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज का नाम लेते हुए बताया कि इस कारोबार में आर एस एस के सक्रिय कार्यकर्ता शामिल हैं जो आईपीएस अधिकारियों के टांसफर का सौदा कराते हैं, उन्होंने उस पत्र में पांच आईपीएस अफसरों का भी नाम लिया है, नव वर्ष के मौके पर पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण का एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ जिसमे वह नए साल के मौके पर किसी लड़की या महिला से चैटिंग कर रहे हैं, जिस पर वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वीडियो से छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगाते हुए कहा कि यह उनको बादनाम करने की साजिश रची गई है, उन्होंने नुएडा सेक्टर 20 में मुकदमा दर्ज कराया है, पुलिस मुखिया ने इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक हापुड़ संजीव सुमन को करने के निर्देश दिए हैं, बताया जाता कि वैभव कृष्ण के इस खुफिया में आरएसएस और आईपीएस अधिकारियों का नाम होने की वजह से उनके खिलाफ जल्द ही कार्यवाही की जायेगी।
गौतम बुद्ध नगर में तैनात पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण ने जो खुफिया पत्र लिखा है जिसमे कहा गया है कि उन्होंने पिछले 23 अगस्त को जो मुकदमा दर्ज किया था उसमें गिरफ्तार आरोपी चंदन रॉय से हुई पूछताछ के दौरान उनको पता चला कि यह लोग टांसफर पोस्टिंग का काम करते हैं, गिरफ्तार आरोपियों में चंदन रॉय के पास बरामफ मोबाईल से कई अहम सुराग मिलने के बाद उन्होंने छानबीन की तो चंदन राय ने पूरी कहानी बताई।उनका कहना है कि उन्होंने साइंस्टिफ जांच करा कर मोबाईल से तमाम सुबूत इकट्ठा करने के बाद खुफिया रिपोर्ट तैयार कर के उसको गृह मंत्रालय विभाग को भेजी थी।उस पत्र में उन्होंने बताया कि गिरफ्तार चंदन राय के संबंध अतुल शुक्ला व चंदन शुक्ल से है,जो आपस में रिश्तेदार है, चंदन शुक्ला आरएसएस अवध का सक्रिय कार्यकर्ता है, अतुल शुक्ला और चंदन शुक्ला दोनों मिलकर क्राइक्स पब्लिक सिटी के नाम से एक फर्म चलाते हैं जो प्रदेश सरकार की योजनाओं का प्रचार करती है, अतुल शुक्ला का भाई सुनील शुक्ला इंफॉर्मेशन विभाग में वरिष्ठ क्लर्क है, इसके अलावा अतुल की स्काई स्केनर के नाम से टूर एंड ट्रेवल एजेंसी है, इसी तरह से चंदन शुक्ला की निर्माणाधीन कंपनी भी है, जिसमें अतुल शुक्ला की रकम लगी है, इस फर्म को अभी जल्दी ही 11 करोड रुपए का वर्क आर्डर मिला है। इसके अलावा अतुल शुक्ला के मोबाइल से चंदन शुक्ला के साथ कई अधिकारियों की व्हाट्सएप चैटिंग भी मिली है, जिसमें 2 स्टाफ नर्स, और 4 वर्ड बॉयज का तबादला जिला अस्पताल अयोध्या से मेडिकल कॉलेज अयोध्या करने पीसीएस अफसर गुलशन कुमार का तबादला बागपत की जिम्मेदारी देने की बातों का जिक्र है। जिससे स्पष्ट होता है कि चंदन राय और चंदन शुक्ला के संबंध सिपाही से लेकर अधिकारियों तक है। खुफिया पत्र के मुताबिक रामपुर में तैनात पुलिस कप्तान अजय पाल शर्मा से बातचीत के दो ऑडियो रिकॉर्डिंग मिलने की बात कही है, जिसमें उनकी पोस्टिंग मेरठ कराने के लिए 80 लाख रुपए पर सौदे का जिक्र किया गया है। रकम का 50 प्रतिशत पहले और बाकी पैसा एक माह के अंदर देने की बात कही गई है, बताया जाता है कि चंदन राय और चंदन शुक्ला के अलावा किसी एक महिला का नाम भी आया था जिसने अफ़सर पर प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था बाद में उसको गाजियाबाद के कवि नगर से गिरफ्तार किया गया था। उसका मोबाइल भी चंदन राय के पास से बरामद हुआ था जिससे चंदन राय ने एक वीडियो व्हाट्सएप पर आईपीएस अफसर राज्यपाल को भेजा जिसमें महिला की तस्वीर और वीडियो की डिटेल है। बताया जाता है कि आईपीएस अजय पाल ने चंदन राय को उस फोटो और वीडियो डिलीट करने की भी बात कही थी। पत्र में गाजियाबाद में तैनात पुलिस कप्तान सुधीर कुमार से एक स्पेक्टर संजय राय वर्मा का तबादले की बात भी हुई इस बारे में पुलिस कप्तान ने पत्र में लगाये गए आरोपों को फर्जी बताते हुए कहा कि उनका चंदन राय है कोई वास्ता नहीं। इस तरह से खुफिया पत्र में कहा गया है कि पुलिस कप्तान बांदा गणेश साहा का नाम भी है, जिसमें उन्होंने गाड़ी निकलवाने के बदले रुपये आने की बात कही है। जिसमें पहले टोकिंग देने के लिए अकाउंट नंबर भेजने का जिक्र है। इसी तरह से कुशीनगर में तैनात रहे पूर्व कप्तान राजीव नारायण मिश्रा से सिपाही और चौकी प्रभारियों के तबादले करने का जिक्र किया गया है। इसके अलावा चंदन के मोबाइल की जांच के दौरान अतुल शुक्ला और चंदन राय के बीच होने वाली बातचीत में सुल्तानपुर के पुलिस कप्तान हिमांशु कुमार का तबादला बिजनौर बरेली और आगरा कराने के लिए 30, 40 और 5000000 रुपए का जिक्र किया गया है। फिलहाल वैभव कृष्ण के पत्र वायरल होने के बाद अब उनके खिलाफ पक्की मानी जा रही है।

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