आसान मौत चाहते हो तो मां बाप को राज़ी करो -मौलाना गुलरेज़ तिलावते कुरआन व अव्वल वख़्त नमाज़ बख़्शिश का बेहतरीन ज़रीया है

सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी

बाराबंकी ।आसान मौत चाहते हो तो मां बाप को राज़ी करो । तिलावते कुरआन व अव्वल वख़्त नमाज़ बख़्शिश का बेहतरीन ज़रीया है ।अहले बैत ए अतहार बेहतरिन नमूना ए अमल हैं ।अहकाम ए इलाही इंसानों के लिए अमलसाज़ी का जरीया है । यह बात मौलाना गुलाम अस्करी हाल में मरहूम सै.ज़फ़र मेहदी की मजलिस ए बरसी को खि़ताब करते हुए आली जनाब मौलाना सै.गुलाम मेहदी (गुलरेज़ )साहब ने कही।उन्होंने यह भी कहा कि जिसकी मौत ख़ैर पर हो वही कामयाब इंसान है।आखिर में करबला वालों और रसूल की बेटी के मसायब पेश किये जिसे सुनकर  मोमनीन रो पड़े।मजलिस से पहले डा.रज़ा मौरान्वी ने अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा -अपने ख़ुतबात को बेबाक किया है उसने, हर गरीबान ए सितम चाक किया है उसने । सरवर अली करबलाई ने अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा – मुमकिन नहीं है शाह का ग़म हो सके रक़म ,
सरवर तख़य्युलात की चादर समेट ले ।इसके अलावा आसिफ अख़्तर बाराबंकी, मोनिस सरवर, मोहसिन, मो.सादिक, अरबाब,व मोहसिन इमाम ने नज़रानये अक़ीदत पेश किया।बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
सगीर अमान उल्लाह जिला ब्यूरो बाराबंकी 
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