फ़ेसबुक-बीजेपी विवाद: राहुल, थरूर से भिड़े दुबे, विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाए
शमीम अंसारी बाराबंकी: एसएम न्यूज24टाइम्स .
अमेरिकी पत्रिका ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की एक ख़बर को लेकर बुरी तरह घिरने के बाद बीजेपी अपने बचाव में हाथ-पैर मार रही है। इस ख़बर में दावा किया गया है कि फ़ेसबुक ने बीजेपी से जुड़े लोगों की नफ़रत फ़ैलाने वाली पोस्ट को नहीं हटाया। पत्रिका के मुताबिक़, ऐसे कम से कम तीन मामले सामने आए हैं।
फ़ेसबुक और बीजेपी की जुगलबंदी को लेकर लग रहे आरोपों के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे भिड़ गए हैं। थरूर सूचना प्रोद्यौगिकी (आईटी) से संबंधित संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन हैं और इस मामले को लेकर ख़ासे सक्रिय भी हैं
बुधवार को जब शशि थरूर बीजेपी सांसद दुबे के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाए तो दुबे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और थरूर के ख़िलाफ़ ऐसा ही प्रस्ताव लेकर सामने आ गए। दुबे ने कहा कि इसे लेकर मर्यादा की सारी सीमाएं लांघी जा चुकी हैं।
संसद के किसी सदस्य द्वारा दूसरे सदस्य के ख़िलाफ़ लाए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव के पास होने पर उस सांसद को सदन से निष्कासित किया जा सकता है।
यह झगड़ा तब शुरू हुआ था जब थरूर ने कहा था कि ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की ख़बर को लेकर वह फ़ेसबुक के अधिकारियों को तलब कर सकते हैं। लेकिन इसे लेकर झारखंड से सांसद निशिकांत दुबे बिगड़ गए थे। उन्होंने कहा था कि शशि थरूर को फ़ेसबुक के अधिकारियों को तलब करने से पहले संसद की स्थायी समिति में इसे लेकर चर्चा करनी होगी।
दुबे ने तीख़ा हमला करते हुए कहा था, ‘शशि थरूर को यह समझना चाहिए कि संसद की स्थायी समिति संसद का ही एक अंग है और यह कांग्रेस पार्टी नहीं है।’ उन्होंने कहा था कि संसद के नियमों के मुताबिक़, केवल स्पीकर ही निजी क्षेत्र के लोगों को बुला सकते हैं।
इसके बाद थरूर ने इसे लेकर लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा था कि दुबे के बयान से उनके सांसद के पद और स्थायी समिति के चेयरमैन के विशेषाधिकारों का हनन हुआ है।
फेसबुक और वॉट्सएप पर नियंत्रण
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की ख़बर के सामने आने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे लेकर बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोला था। राहुल ने ट्वीट कर कहा था, ‘बीजेपी-आरएसएस भारत में फेसबुक और वॉट्सएप का नियंत्रण करते हैं।
इस माध्यम से ये झूठी ख़बरें व नफ़रत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं।’ ख़ुद को घिरता देख बीजेपी ने केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और तमाम प्रवक्ताओं को इसका जवाब देने के लिए टेलीविजन चैनलों के मोर्चे पर तैनात किया हुआ है।
विवाद बढ़ने के बाद फ़ेसबुक ने इस पर सफाई दी और कहा है कि वह ऐसी सामग्री जिससे ‘नफ़रत को बढ़ावा मिलता हो’ या ‘हिंसा को उकसावा मिलता हो’ उसे रोक देता है।
दुबे ने तब भी राहुल गांधी और थरूर को अपरोक्ष रूप से निशाना बनाते हुए कहा था कि संसदीय समिति के सदस्यों द्वारा अपने नेताओं के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए इसे राजनीति का प्लेटफ़ॉर्म नहीं बनाना चाहिए।
हमारी खबरें सबसे पहले पढ़ने के लिए डाउनलोड करें
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.smnews24.smcwebsolution
राष्ट्रीय हिंदी मासिक पत्रिका एसएम न्युज24टाइम्स की ताजा खबरें पढ़ने के लिए गूगल मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने के लिए ऊपर ब्लू लाइन टच करें साथ ही अपने साथियों को डाउनलोड कराने में एसएम न्यूज़ का सहयोग करें । खबर भेजने के लिए smnews24up@gmail.com शमीम अंसारी बाराबंकी: एसएम न्यूज24टाइम्स .